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विद्यालय में गुरुजी व कर्मचारी उड़ा रहे गांजा, डीआईओएस ने वेतन रोका

बस्ती। विद्यालय में गुरुजी बच्चों को पढ़ाने के बजाए गांजे का दम मारते थे। बच्चों को ज्ञान की जगह नशे का पाठ पढ़ा रहे थे। इसकी शिकायत होने पर डीआईओएस ने जांच की। मामला सही पाने पर प्रधानाचार्य, शिक्षक और कर्मचारियों को नोटिस जारी किया। इस नोटिस का जवाब तीन कर्मचारियों ने नहीं दिया। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईओएस ने पूरे विद्यालय का दिसंबर महीने का वेतन रोक दिया है।

सहायता प्राप्त जनता इंटर कॉलेज के प्रबंध संचालक विकास श्रीवास्तव ने डीआईओएस से शिकायत की। कहा कि 26 नवंबर को विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं कुछ कर्मचारियों द्वारा विद्यालय में गांजा का सेवन किए जाने की लिखित शिकायत की। डीआईओएस जगदीश प्रसाद शुक्ल इस प्रकरण को जानकर चुप हो गए। 13 दिसंबर को अचानक वह खुद संबंधित विद्यालय में जांच करने पहुंच गए। डीआईओएस ने मौका मुआयना के बाद यह स्वीकार किया कि शिकायत काफी हद तक सही है। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई से पूर्व उनका स्पष्टीकरण तीन दिवस के भीतर तलब किया। इसके बाद प्रधानाचार्य एवं अन्य चार कर्मचारियों ने अपनी सफाई पेश तो कर दी लेकिन तीन अन्य कर्मचारियों ने स्पष्टीकरण नहीं दिया।

डीआईओएस के अनुसार कर्मचारियों के जवाब से शिकायत की पुष्टि भी हो रही है। उन्होंने जिम्मेदारों के इस कृत्य को सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के विपरीत बताया है। इस मामले में डीआईओएस ने विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के माह दिसंबर का वेतन अग्रिम आदेशों तक बाधित करने का निर्देश भी दिया है। विद्यालय में कार्यरत शिक्षक, कर्मचारियों के इस आचरण से तरह- तरह के सवाल उठ रहे हैं। इन दिनों यह घटना विभाग में चर्चा का विषय बनी हुई है।

विद्यालय के शिक्षक व कर्मचारी के गांजा पीने की शिकायत मिली थी। मौके पर पहुंचकर खुद जांच की। मामला सही पाया गया। तत्काल प्रभाव से शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। आगे और कार्रवाई की जाएगी।

जगदीश प्रसाद शुक्ल, डीआईओएस


जवाब देने से कतरा रहे जिम्मेदार

प्रकरण तूल पकड़ा तो विद्यालय के जिम्मेदार जवाब देने से कतराने लगे हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य विकास से जब बात की गई तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। कहा कि अभी वह जाम में फंसे हैं बाद में बात करेंगे। दोबारा उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। वहीं शिकायतकर्ता प्रबंध संचालक विकास श्रीवास्तव ने भी अपना फोन रिसीव नहीं किया।

प्रधानाचार्य का वर्जन

प्रबंधक संचालक विद्यालय में आए थे। इसी दौरान एक महिला अनुचर ने उनसे शिकायत किया कि सफाई करते समय कार्यालय कक्ष में एक आपत्तिजनक पुड़िया मिली है। संबंधित बाबू से जवाब सवाल हुआ तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर कर दी। मै स्वयं इस प्रकरण में डीआईओएस से मिला हूं। जवाब दे दिया हूं। शिकायत झूठी है।

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