इस संबंध में एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है जो वहां अभी विचाराधीन है। वहां से निर्णय होते ही शासन के निर्देशानुसार आदेश जारी किये जायेंगे। -डा. महेन्द्र देव, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश।
लखनऊ, प्रदेश के दो हजार से अधिक स्थाई संस्कृत शिक्षकों को जल्द ही माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के समान वेतन और अन्य सुविधाएं मिलने लगेगी। संस्कृत शिक्षक लम्बे समय से समान कार्य के लिए समान वेतन एवं सुविधाओं की मांग करते रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें संस्कृत शिक्षकों को भी माध्यमिक शिक्षकों की भांति वेतन व अन्य सुविधायें दिये जाने की सरकार से संस्तुति की है।
प्रदेश में संस्कृत के 1246 विद्यालयों में से 973 एडेड विद्यालय हैं, जिनमें करीब 2100 स्थाई शिक्षक कार्यरत हैं। इन संस्कृत शिक्षकों की लंबे समय से वेतन विसंगतियां है। एडेड माध्यमिक विद्यालयों की तुलना में इनका वेतन काफी कम है। ये पिछले काफी समय से वेतन विसंगतियों को दूर कर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन के बराबर करने की मांग कर रहे हैं। इनकी मांगों के आधार पर वर्ष 2017 में भी एक प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से शासन को भेजा गया था लेकिन तब किसी कारण से यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
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