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बीमारी का बहाना बना ड्यूटी न करने वालों पर कसेगा शिकंजा

ललितपुर। यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी न करने को लेकर बीमारी का बहाना अब नहीं चलेगा। चिकित्सकीय अवकाश लेने पर शिक्षकों व प्रधानाचार्यों को मेडिकल रिपोर्ट डीआईओएस कार्यालय में जमा करनी पड़ेगी। स्वास्थ्य विभाग से उनके अस्वस्थता की पुष्टि कराई जाएगी। इसके बाद ही परीक्षा से ड्यूटी हटाई जा सकेगी।


22 फरवरी से यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा है। इसके लिए 50 केंद्र निर्धारित किए गए हैं। इस वर्ष परीक्षा में हाईस्कूल के 21087 व इंटरमीडिएट के 13614 परीक्षार्थी शामिल होने हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग तैयारियों में जुटा है। परीक्षा कराने के लिए शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं जो ड्यूटी करने से कतराते हैं और बीमारी का बहाना बनाकर नाम कटवा लेते हैं। इस कारण डीआईओएस कार्यालय को परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक की नियुक्ति में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

अब बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी न करने को लेकर बीमारी का बहाना नहीं चलेगा। बोर्ड ने एक पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजा है, जिसमें बताया गया कि परीक्षा शुरू होने से पूर्व जो प्रधानाचार्य और शिक्षक चिकित्सकीय अवकाश के लिए आवेदन करें, उनकी अस्वस्थता की पुष्टि मुख्य चिकित्साधिकारी से कराई जाए। मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही चिकित्सीय अवकाश दिया जाए। यह भी कहा कि आवश्यकता होने पर अवकाश को निरस्त कर दिया जाए।

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यूपी बोर्ड परीक्षा में चिकित्सकीय अवकाश लेने पर शिक्षकों व प्रधानाचार्यों को मेडिकल रिपोर्ट डीआईओएस कार्यालय में जमा करनी पड़ेगी। स्वास्थ्य विभाग से उनके अस्वस्थता की पुष्टि कराई जाएगी। इसके बाद ही अवकाश दिया जाएगा।

ओमप्रकाश सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक

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