नई दिल्ली, । राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार अंतरिम बजट में कई रियायतों की घोषणा कर सकती है। इसके तहत 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए योगदान और निकासी पर कर छूट सीमा को बढ़ाया जा सकता है। इसे बढ़ाकर 12 फीसदी किया जा सकता है, जो अभी 10 फीसदी है।
पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने हाल ही में सरकार से इसकी सिफारिश की है। नियामक का कहना है कि कर के मामले में ईपीएफओ की तरह ही एनपीएस में योगदान देने वाली कंपनियों और नियोक्ताओं के लिए समान अवसर होने चाहिए। अभी इसमें असमानता है। एनपीएस में मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 10 प्रतिशत की कर छूट दी जाती है, जबकि ईपीएफओ के मामले में यह 12 फीसदी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार इसे मंजूर करती है तो निजी कर्मचारियों के लिए भी सेवानिवृत्ति तक अच्छा कोष तैयार करने का रास्ता खुल जाएगा।
इस पर भी विचार संभव सरकार से मांग की जा रही है कि एनपीएस में अतिरिक्त योगदान पर छूट को नई कर व्यवस्था में भी शामिल किया जाना चाहिए। अभी पुराने कर व्यवस्था में आयकर भी धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार की अतिरिक्त छूट दी जा रही है। यह छूट नई कर व्यवस्था में शामिल नहीं है।
इस तरह से दी जा सकती है राहत
विशेषज्ञों का कहना है कि एनपीएस के माध्यम से दीर्घकालिक बचत को बढ़ावा देने के लिए 75 साल से ज्यादा उम्र के निवेशकों को एनपीएस से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स छूट दी जा सकती है। इसके लिए एनपीएस को ब्याज और पेंशन के साथ शामिल किया जा सकता है। साथ ही ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से भी छूट दी जा सकती है।
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