लखनऊ : एसटीएफ ने दिल्ली पुलिस, आरपीएफ, सचिवालय और एफसीआइ में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना भानु प्रताप समेत दो को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने लखनऊ के विभूतिखंड में दुर्गा टावर में ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लिमिटेड उत्तर प्रदेश के नाम से दफ्तर खोल रखा था, जहां से इनको पकड़ा गया।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही के मुताबिक गिरोह का सरगना भानु प्रताप यहां गोमतीनगर विस्तार के रिश्ता अपार्टमेंट में रहता था। वह मूल रूप से मऊ जनपद के घोसी के बुजुर्ग पकड़ी गांव का है। उसका साथी सतेंद्र भदोई के पटखनी गोपीगंज का है। वहीं अन्य आरोपित भानु प्रताप दीक्षित और हिमांशु की तलाश में दबिश दी जा रही है। एटीएफ के दारोगा अतुल चतुर्वेदी
दिल्ली पुलिस व आरपीएफ में नौकरी लगवाने का देते थे झांसा, ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लिमिटेड के न से खोला था आफिस नाम ने बताया जालसाजों के पास पांच मोबाइल, दो लक्जरी कार, विकास सहकारी समिति के आवेदनपत्र, नियुक्ति पत्र, कई अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रपत्र आदि बरामद हुए हैं। भर्ती की फर्जी सूचनाएं भी निकालते थे।
भानु के खिलाफ दिल्ली में भी ठगी के मुकदमे दर्ज हैं। भानु दीक्षित देवरिया का रहने वाला है पहले भी जेल जा चुका है। भानु खुद को केंद्र सरकार में तैनात आइएएस अफसर बताकर बेरोजगारों को झांसे में लेता था। एक व्यक्ति से नियुक्ति के नाम पर दो से पांच लाख रुपये अथवा स्थाई नियुक्ति के नाम पर दस लाख रुपये तक लेता था।
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