शिक्षिका से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा- पढ़ें विस्तार से
महोबा: शिक्षिका को लिफ्ट देने के बहाने कार में नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करने के 10 साल पुराने मामले में अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त को आजीवन कारावास व 51 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। शहर के एक मोहल्ला निवासी अनुसूचित जाति की शिक्षिका ने बताया कि वह कलपहाड़ के एक प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका है।
20 मार्च 2013 को वह बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक में जैतपुर गई थी। लौटते समय सड़क किनारे खड़े होकर वाहन का इंतजार कर रही थी। उसी दौरान कुलपहाड़ निवासी अखिलेश चौबे ने उसे देखकर कार रोक ली। कुलपहाड़ जाने के लिए पूछा तो वह कार में बैठ गई। रास्ते में उसने कार रोककर पानी लिया और उससे भी पीने के लिए कहा। पानी पीते ही वह अचेत हो गई। होश आने पर वह पशुबाड़े में थी। शरीर पर चोट के निशान थे और कपड़े अस्त-व्यस्त पड़े थे।
शिक्षिका से दुष्कर्म के बाद आरोपी ने मोबाइल से वीडियो भी बनाया। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर कई बार शारीरिक शोषण किया। परेशान होकर उसने दो बार आत्महत्या की कोशिश भी की। बाद में वह अपने परिजनों के साथ महोबा में रहने लगी। इसके बाद भी आरोपी उसके रिश्तेदारों को मैसेज भेजकर रुपयों की मांग करता रहा। दबाव बनाकर दो लाख रुपये आरोपी ने ले लिए।
अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय एससीएसटी एक्ट) लखविंदर सिंह सूद ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक प्रमोद कुमार पालीवाल ने बताया कि दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त अखिलेश चौबे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
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