यूपी में अगर आपकी उम्र 50 साल हो गई है और आप किसी सरकारी कंपनी में भी काम करते हैं तो सावधान होने की जरूरत है। यूपी में बिजली कंपनियां 50 साल की उम्र पूरी कर चुके कार्मिकों की कार्य क्षमता का मूल्यांकन करेंगी। इस मूल्यांकन में फिट नहीं पाए जाने वाले कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन के इस आदेश के बाद सभी बिजली कंपनियां 50 साल से अधिक आयु के हो चुके कार्मिकों की कार्यक्षमता के मूल्यांकन करने की तैयारी शुरू कर दी है।
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी वी. चैत्रा ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम अपने कर्मचारियों यानी लेखा, लिपिक, टेक्निकल ग्रेड-दो, क्लास फोर की स्क्रीनिंग करेगा। इस कंपनी में तैनात जेई, एई, एसडीओ, एक्सईएन और अन्य अधिकारी जो कामन संवर्ग में आते हैं, उनकी स्क्रीनिंग उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा कराई जाएगी।
गठित की जाएगी कमेटी
पश्चिमाचंल के साथ ही मध्यांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल और केस्को के प्रबंधन द्वारा स्क्रीनिंग की कार्यवाही जल्द शुरू की जाएगी। बिजली कार्मिकों की स्क्रीनिंग के लिए बिजली कंपनियां कमेटी का गठन करेंगी। यह कमेटी 50 से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों की कार्यक्षमता का आंकलन करेंगी। इस कमेटी की रिपोर्ट में जो भी कर्मचारी अनफिट दर्शाए जाएंगे, उन्हें शासनादेश में दी गई व्यवस्था के मुताबिक अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
आकारिक सूत्रों के मुताबिक, बिजली महकमें में मौजूदा समय में तैनात करीब 36 हजार नियमित कर्मचारियों में से करीब 12 से 15 हजार ऐसे कर्मचारी हैं, जिनकी उम्र इस समय 50 वर्ष से अधिक है। खासकर लेखा, लिपिक, टीजी-टू ग्रेड में इनकी संख्या अधिक है।
यूपीपीसीएल चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल के अनुसार अधिक उम्र के कर्मचारियों की कार्यक्षमता के मूल्यांकन की व्यवस्था शासनादेश में है। मूल्यांकन के बाद शासनादेश में वर्णित व्यवस्थाओं के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी। इस मूल्यांकन की जद में 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी कार्मिक आएंगे।
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