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बजट फॉलोअप: प्राइमरी स्कूलों में खत्म होगी फर्नीचर की कमी, 9000 विद्यालय होंगे रोशन

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बीते दिनों पेश किए गए बजट में बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में काफी फोकस किया है। प्रदेश के दूरदराज इलाकों में भी स्थापित बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों को सभी मूलभूत व आधुनिक सुविधाओं से युक्त कराया जाएगा। स्मार्ट क्लास व इंफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) लैब से पठन-पाठन को बढ़ावा दिया जाएगा। राजकीय इंटर कॉलेज के 71 हजार से अधिक छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी।

ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्र में स्थित बेसिक विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त करके सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में सुधार का प्रयास किया जा रहा है। ऑपरेशन कायाकल्प व प्रोजेक्ट अलंकार जैसी योजनाओं से इसमें काफी बदलाव लाया जा रहा है। इसके तहत नए वित्तीय वर्ष में बजट से बेसिक के प्राथमिक स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी। हर विद्यालय में फर्नीचर होने से बच्चों को खुले में या जमीन में बैठकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। वहीं, बिजली के खंभे से दूर व अस्थायी सुविधा से बिजली प्रयोग करने वाले लगभग 9000 विद्यालयों में पूरी तरह खंभे से बिजली आपूर्ति शुरू की जाएगी। नए सत्र में ऑपरेशन कायाकल्प से बचे हुए अन्य परिषदीय विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल, बालक बालिका शौचालय, हँडवाश यूनिट, बाउंड्रीवाल, रैंप, अतिरिक्त कक्षाएं,

मरम्मत आदि का काम पूरा होगा। अब तक 18,381 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का निर्माण व सुविधा दी जा चुकी है, इसे और आगे बढ़ाया जाएगा। वहीं 925 परिषदीय विद्यालयों को पीएमश्री योजना में अपग्रेड किया जा रहा है। यहां भी

सभी अत्याधुनिक सुविधाएं पठन- पाठन से जुड़ी होंगी। हर विद्यालय को दो-दो टैबलेट भी दिए जा रहे हैं, ताकि विद्यालयों की कार्यप्रणाली भी डिजिटल हो सके। प्रोजेक्ट अलंकार में निर्माण कार्य के लिए 500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

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