लखनऊ : शहरी क्षेत्र के बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को शहर में आने का मौका मिलेगा। बेसिक शिक्षा विभाग प्रतिनियुक्ति पर इन शिक्षकों की तय समय के लिए तैनाती की व्यवस्था करने जा रहा है। इसके लिए सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद से प्रस्ताव मांगा है।
प्रति स्कूल एक शिक्षक प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों की बहुत कमी है। वर्ष 2010 के बाद से ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों का समायोजन नहीं किया गया। हालत यह है कि कई स्कूल तो शिक्षामित्रों के हवाले हैं। राजधानी लखनऊ में ही 57 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं है। यहां शहरी क्षेत्र में कुल 295 स्कूल है और 297 शिक्षक है। प्रदेश भर में नगर क्षेत्र के लगभग 7500 स्कूल हैं। इनमें प्रति स्कूल एक शिक्षक के औसत से इतने ही शिक्षक हैं। यही वजह है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति कर रही है। इसके लिए प्रमुख सचिव एमकेएस सुंदरम ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को प्रस्ताव बनाने के लिए कहा है।
कैसे दूर होगी समस्या?
नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी की मुख्य वजह यह है कि नगर और ग्रामीण क्षेत्र का कैडर अलग है। ऐसे में एक जगह से दूसरी जगह तबादला नहीं किया जा सकता। नई भर्तियां होती हैं तो पहले ग्रामीण क्षेत्र में भी सबसे दूर के ब्लॉक में तैनाती दी जाती है।
इस तरह नगर क्षेत्र में लगातार शिक्षकों की संख्या घटती गई। हालांकि, सरकार दोनों कैडर एक करने पर विचार कर रही है, लेकिन यह प्रक्रिया तकनीकी दिक्कतों में उलझी है। ऐसे में यह तय किया गया है कि तब तक प्रतिनियुक्ति पर नगर क्षेत्र में शिक्षकों को तैनाती दे दी जाए। यह प्रतिनियुक्ति शिक्षकों की स्वेच्छा से तीन या पांच साल के लिए दी जाएगी। इसका लाभ यह होगा कि शहरों में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। साथ ही शहर के रहने वाले शिक्षक अपने घर के नजदीक आ जाएंगे।
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