रन फॉर ओपीएस थीम पर रविवार को लखनऊ में दौड़ का आयोजन किया गया। कड़ाके की ठंड में हजारों शिक्षक व कर्मचारी दौड़ में भाग लेने के लिए सुबह से ही जुट गए। सभी ने अनुशासन में रहकर सड़कों पर जम कर पसीना बहाया। शांतिपूर्ण ढंग से अपने हक की आवाज को बुलंद किया।
शिक्षक कर्मचारी गुलाबी टी-शर्ट और सफेद पैंट में एक अलग ही छटा बिखेर रहे थे। महिलाएं भी गुलाबी परिधानों में पुरानी पेंशन की आवाज बुलंद कर रही थीं। सभी एक साथ पुरानी पेंशन बहाली एवं निजीकरण की समाप्ति के लिए नारे लगा रहे थे। प्रदेश भर के तमाम शिक्षक कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भी दौड़ लगाई। सभी भारत माता की जय, वंदे मातरम, पेंशन हक है का जय घोष करते हुए दौड़ते रहे। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि रन फॉर ओपीएस कार्यक्रम पुरानी पेंशन बहाली में मील का पत्थर साबित होगा।
एनएमओपीएस राष्ट्रीय अध्यक्ष, अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंधु ने कहा कि अटेवा रचनात्मक कार्यक्रम के लिए जाना जाता है चाहे जागरूकता हो या रन फॉर ओपीएस। अटेवा पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिबद्ध है।
कई विभागों के पदाधिकारियों ने भी रखी अपनी बात
लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की उपेक्षा न करे। मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर पुरानी पेंशन बहाल करें। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ प्रधान महासचिव, राजकीय नर्सेज संघ महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कोरोना काल में कर्मचारियों ने जान तक देकर देशवासियों की सेवा की, इसलिए सरकार कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन बहाल करे।
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