यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2024 में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों के शैक्षिक विवरणों जैसे नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, जेन्डर, जाति, फोटो एवं विषयों आदि में त्रुटि संशोधन में लापरवाही बरतने वाले स्कूलों को डिबार किया जाएगा। प्रदेशभर के ऐसे 100 से अधिक स्कूलों को बोर्ड परीक्षा से डिबार करने के लिए पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों (प्रयागराज, बरेली, मेरठ, वाराणसी और गोरखपुर) से नोटिस भेजी जा रही है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर स्कूलों को 2025 की बोर्ड परीक्षा में केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
बोर्ड ने त्रुटि संशोधन के लिए स्कूलों को चार बार मौका दिया था। अंतिम बार 20 जनवरी तक स्कूलों से ऑफलाइन माध्यम से संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को त्रुटि संशोधन के प्रकरण भेजने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद 20 जनवरी के बाद 100 से अधिक परीक्षार्थियों के विवरण में संशोधन का अनुरोध स्कूलों ने किया है। अब इन स्कूलों को नोटिस भेजी जा रही है। दरअसल ऑनलाइन फॉर्म में त्रुटि रहने पर परीक्षा के दौरान कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कई बार परीक्षा केंद्रों से अंतिम समय पर प्रश्नपत्रों की मांग होती है तो कभी छात्राओं के केंद्र पर छात्र का सेंटर पड़ जाता है।
इससे निपटने के लिए बोर्ड ने पहले ऑनलाइन त्रुटि संशोधन का मौका दिया और फिर ऑफलाइन माध्यम से प्रत्यावेदन मांगे गए ताकि इस् प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए। बोर्ड ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अंतिम समय में यदि किसी भी परीक्षार्थी / संस्था के स्तर से विवरणों में संशोधन की मांग की जाती है तो उसके लिए पूरी तरह से डीआईओएस और संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य उत्तरदायी माने जाएंगे।
बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों की ओर से जा रहा नोटिस
प्रयागराज। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने गुरुवार को प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। 22 फरवरी से शुरू हो रही 10वीं-12वीं की परीक्षा निगरानी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान क्षेत्रीय सचिव विभा मिश्रा भी मौजूद रहीं।
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