लखनऊ। बजट में देश के करोड़ों कर्मचारियों के विषय में कोई फैसला न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से कर्मचारियों में मायूसी है। निजीकरण की ओर भागती सरकार का रवैया ठीक नहीं है। उक्त बातें गुरुवार को बजट जारी होने के बाद एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहीं। उन्होंने अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया।
उन्होंने कहा कि यह बजट वर्तमान सरकार का आखिरी बजट था। इसके बाद सरकार को चुनाव में जाना है। इस कारण देश के लाखों शिक्षक व कर्मचारी प्रधानमंत्री की तरफ काफी आशा भरी नजरों से देख रहे थे। प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक-कर्मचारियों के विषय पर वर्तमान सरकार संवेदनहीन है। इस तरह नजरअंदाज करना सरकार की नियति व नीति दोनों दर्शाता है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि कर्मचारी को टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से भारी निराशा है। लोगों को बहुत उम्मीदें थीं पर सरकार ने निराश किया।
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