नई दिल्ली। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि 2018 के बाद देश में 661 न्यायाधीशों में 21 अनुसूचित जाति, 12 अनुसूचित जनजाति और 78 अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं। इसके लिए मंत्रालय की ओर से नियमित रूप से सुप्रीम कोर्ट को लिखा जाता है कि जजों की नियुक्ति में अल्पसंख्यक समुदाय, एसटी, एससी, ओबीसी और महिलाओं की भागीदारी को वरीयता दी जाए। एक पूरक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। संविधान सभा में भी इस पर चर्चा हुई और पाया गया कि न्यायपालिका में आरक्षण उचित नहीं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की आगरा व मेरठ में अभी पीठ नहीं
मेघवाल ने एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ अभी आगरा और मेरठ में स्थापित नहीं की जा रही है। हालांकि ई- कोर्ट का प्रावधान करने के प्रयास किए जा रहे है, जिससे इन स्थानों से वर्चुअल सुनवाई की जा सके।
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