प्रयागराज। जून का महीना भी बीत गया, लेकिन उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को नए स्थायी अध्यक्ष अब तक नहीं मिल सके। स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति न होने के कारण नीतिगत फैसले अटके हुए हैं। नई भर्तियों को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा और पुरानी लंबित पड़ी भर्तियों की परीक्षा तिथि भी अब तक तय नहीं की जा सकी है।
शिक्षा सेवा चयन आयोग के स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए लोकसभा चुनाव से पहले आवेदन मांगे गए थे। आवेदन की मियाद बीतने के बाद भी अध्यक्ष का नाम तय नहीं हो सका और शासन ने दोबारा आवेदन मांग लिए। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई नए आयोग को भी शासन की नई गाइडलाइन के अनुरुप बनानी होंगी परीक्षा संबंधी नीतियां और इसकी वजह से अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया अटक गई।
चर्चा थी कि आचार संहिता हटते ही आयोग के स्थायी अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी, लेकिन जून भी बीत गया और आयोग को अब तक कोई नया अध्यक्ष नहीं मिला। उधर, अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया को अगस्त में दो साल पूरे हो जाएंगे।
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