👇Primary Ka Master Latest Updates👇

तदर्थ शिक्षक नाराज, कहा- भीख नहीं सम्मान चाहिए

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनात रहे तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से नाराजगी है। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि हमें भीख नहीं सम्मान चाहिए। प्रदेश सरकार का यह निर्णय सही नहीं है।


माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति ने कैबिनेट में आए प्रस्ताव पर कहा है कि मुख्यमंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं थी। जिस विद्यालय में हम सभी शिक्षक सम्मान के साथ 25 से 30 वर्षों तक कार्य कर चुके हैं, वहां पर 25 व 30 हजार मानदेय पर उसी विद्यालय में काम करने को कहा जा रहा है। जबकि चपरासी का वेतन इससे अधिक है। इससे तदर्थ शिक्षकों में काफी आक्रोश है।

समिति के अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि 53 दिन की याचना में उच्च अधिकारियों से जिस प्रस्ताव पर सहमति बनी थी, उसे कैबिनेट में

25-30 हजार रुपये मानदेय पर रखने के प्रस्ताव का किया विरोध

नहीं रखा गया। यह प्रस्ताव उससे अलग है। यह स्वीकार नहीं है। प्रदेश संरक्षक रमेश सिंह ने कहा कि सभी तदर्थ शिक्षक जो भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और सदस्य हैं, लखनऊ में भाजपा कार्यालय में आकर प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।

प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा ने कहा कि कैबिनेट ने तदर्थ शिक्षकों का मानदेय प्रबंधक के खाते में जाने की बात कही है, इससे शिक्षकों का शोषण बढ़ेगा। प्रदेश महामंत्री सुशील शुक्ला ने कहा कि सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।

गौरतलब है कि मंगलवार को हुई कैबिनेट में एडेड माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर शिक्षकों को रखने की नीति को हरी झंडी दी थी। साथ ही 2254 तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय पर समायोजित करने पर भी सहमति दी गई थी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,