लखनऊ। डिजिटल अटेंडेंस को लेकर बृहस्पतिवार को भी शिक्षकों का विरोध जारी रहा। जिला मुख्यालयों पर शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक संयुक्त मोर्चा ने प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के मीडिया प्रभारी सत्येंद्र पाल सिंह ने बताया कि शिक्षकों की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है जबकि शिक्षक बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं कर रहे हैं। फिर भी शिक्षकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
उप्र. बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि शिक्षकों को डरा धमकाकर डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगवाई जा सकती है।
विभाग शिक्षकों से वार्ता करे और मांगों पर विचार करें। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने हर ब्लॉक मुख्यालय पर शिक्षकों के बीच सर्वे किया। इसमें अधिकतर शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस का विरोध किया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि शुक्रवार को भी शिक्षकों के बीच सर्वे चलेगा। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष
अजय राय ने कहा है कि शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस बाध्यकारी करना गलत है। इसीलिए शिक्षक संगठन इस तुगलकी फरमान का विरोध कर रहे हैं। सीएम को भेजे पत्र में राय ने कहा कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर सरकार को शिक्षकों से बात करके निर्णय लेना चाहिए था। सिर्फ डिजिटल अटेंडेंस से शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधरेगी। शिक्षकों और कर्मियों के खाली पदों को तत्काल भरा जाना चाहिए।
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