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टैबलेट आपदा - संघर्ष से सफलता

*`टैबलेट आपदा - संघर्ष से सफलता.`*
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*प्रिय शिक्षक साथियों अब वह समय आ गया है जिसमें हम सबका उत्कट दृढ़ संकल्प हम सबकी ढाल बनेगा।*

▪️ महानिदेशक महोदया के अनुसार साम,दाम,दंड,भेद की नीति लागू करने की बात स्पष्ट रूप से कह दी गयी है। उनके कहने का आशय है कि शिक्षक को किसी भी तरह से तोड़ो। इस स्थिति में उन्हें भी इसका भान है कि समूह में ऑनलाइन उपस्थिति लॉगिन संबंधी कार्य नहीं किया जा सकता है। अब विद्यालयों को सीधे-सीधे टारगेट किया जाएगा। विभिन्न स्तर पर विद्यालय वितरित किये जाएंगे।किसी के हिस्से में बी.एस.ए आएंगे तो किसी हिस्से में खंड शिक्षा अधिकारी तो किसी के हिस्से में अपने ही (पराये) ए.आर.पी आएंगे।

▪️यद्यपि हम सभी शिक्षक कर्तव्यनिष्ठ हैं और ससमय विद्यालय आते हैं तथापि कुछेक स्थानों पर बाढ़ की भयावहता के कारण दस पांच मिनट इधर उधर हो जाता है। प्रयत्न यह रहे कि घर से तनिक पहले निकलें। सनद रहे टैबलेट के लॉगिन करने को लेकर समूह में कोई कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। आपके विरुद्ध यदि किसी भी प्रकार की कार्रवाई होगी तो टैबलेट के इतर आधार बनाकर की जायेगी। अतः भरसक प्रयास रहे कि विद्यालय स्तर पर किसी प्रकार की कोई त्रुटि न हो।यथा-शिक्षक डायरी, विद्यालय की साफ-सफाई, एम डी एम आदि की गुणवत्ता पर कोई दोष न होने पाए। हमारा विरोध टैबलेट से है, इसके अतिरिक्त विद्यालय का विकास हमारा दायित्व है।

▪️द्वितीय बिंदु जो और अधिक महत्वपूर्ण है। आपके विद्यालय में महानिदेशक के आदेश पर अधिकारी आएंगे। आप अपने संवाद में अत्यंत विन्रमता रखेंगे। यदि वे मोबाइल माँगे तो आप विनम्रता से मना कर देंगे। किसी भी दशा में अपनी मोबाइल किसी भी अधिकारी को न दें। यह कानूनन अपराध है। कोई भी व्यक्ति आपकी निजी विषय वस्तु का उपयोग नहीं कर सकता है। इतना होने पर वे आपसे टैबलेट और सिम मांगेंगे। बस यहीं आपको दृढ़ होना है, यदि आपने भूलकर भी टैबलेट और सिम उनको दे दिया तो लॉगिन होने की संभावना बढ़ जायेगी। आप स्पष्ट रूप से कह दें सर हम क्षमा चाहते हैं हम और हमारा संघ टैबलेट के विरोध में है जब तक हमारी मांगों पर निर्णय नहीं लिया जाएगा तब तक हम टैबलेट में किसी प्रकार का कोई लॉगिन नहीं कर सकते हैं। आपके ऐसा कहने पर हो सकता है अधिकारी आपको घुड़की दिखएँ। आपको हड़काये तो भी बिना भय के कहें सर न का मतलब न ही होता है।

▪️सोचिये, एक क्षण के लिए विचार कीजिये, यदि आप दबाव में आकर पोर्टल पर लॉगिन करा लिए और आप जिस रास्ते से आते हैं उस रास्ते में बाढ़ के कारण धारा बहुत तेज है। उस स्थिति में आपके पास दो विकल्प होगा या जान की बाजी लगाकर नदी/सड़क पार करें या वहीं रुक कर प्रतीक्षा करें, लेकिन यदि आप प्रतीक्षा करने लगे तो आप एक दिन अनुपस्थित हो जाएंगे। यदि आप पार किये तो मृत्यु अथवा किसी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। इससे अच्छा कि वह दिन ही न आये आज से ही विरोध करें।

▪️टैबलेट में लॉगिन करने का सीधा अर्थ अपने गले में मृत्यु का फंदा डालना होगा। टैबलेट में लॉगिन करना आत्महत्या के जैसा होगा। आत्महत्या भी करने की एक मानसिक परिस्थिति होती है लेकिन आज ऐसी स्थिति नहीं है कि हम आप मृत्यु का आलिंगन करें।

▪️हमें प्रत्येक परिस्थिति के लिए तैयार होना चाहिये। हम सभी शिक्षक साथी किसी पिरामिड की तरह गुथे हुए हैं।यदि एक भी शिक्षक पिरामिड से टूटा तो हम सब बिखर जाएंगे। भर-भराकर पूरी संरचना गिर जायेगी। अतः एक दूसरे का हाथ कसकर पकड़ लें और तब तक न छोडें ज़ब तक हमारी मांगों को स्वीकार न कर लिया जाए।

▪️आपका दृढ़ संकल्प एक सुरक्षा कवच का निर्माण करेगा। आपका आत्मबल आपकी विजय का सूचक होगा। हम जीतेंगे तो बस अपने दृढ़ संकल्प से ही इसके अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।

▪️सनद रखियेगा, संघर्ष में चोट लगती है। आप निलंबित भी हो सकते हैं, आपका वेतन एक दिन से लेकर कई माह तक स्थगित भी हो सकता है। अत्यंत कठोर कार्रवाई में आप बर्खास्त भी किये जा सकते हैं (बहरहाल इसकी संभावना न के बराबर ही है लेकिन सरकार है कुछ भी हो सकता है, स्वर्गीय श्री कल्याण सिंह की सरकार में ऐसा हुआ था जब धरने में प्रतिभाग करने वाले सैकड़ों शिक्षकों की सेवा समाप्ति की गयी थी, यद्यपि कालांतर में उन्हें बहाल किया गया था)।

▪️हम आशा करते हैं आप सब अपने लिए संघर्ष करेंगे। आप अपने अस्तित्व के लिए लड़ेंगे। आप अपने आपको दमन और दलन के दुष्चक्र से स्वयं को सुरक्षित करने का भगीरथ प्रयत्न करेंगे।

▪️मैं समझ रहा हूँ, कभी-कभी आपको ऐसा प्रतीत होता होगा कि आप पराजित हो रहे हैं। ऐसा होना सामान्य है। ज़ब किसी प्रकार का कोई विशेष प्रयास होता है तो नकारात्मक और सकारात्मक वृत्तियों का बनना स्वाभाविक है। ये भी हमारे संघर्ष पथ के अवयव हैं। यदि हम सकारात्मक हो सकते हैं तो नकारात्मक होने की संभावना भी उतनी ही बलवती होती है।

▪️हमें अपने ऊर्जा का एक साथ प्रयोग नहीं करना है लेकिन प्रतिकारक भाव से पोर्टल लॉगिन के मुद्दे पर एक रहना है।

_न का आशय न है साहब..!!_

_हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे..!_
*जब हमारी माँगे नहीं मानी जाएंगी तब तक हम टैबलेट का उपयोग नहीं करेंगे।*

*आपका भाई -'राजा' दिग्विजय सिंह*

(शिक्षक हित में बिना काट छाँट के शेयर करें )
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