बच्चे पंखुड़ी, फुलवारी, अक्षरा, मंजूसा जैसी किताबों की कहानियां और कविताएं अब दूरदर्शन के डीटीएच के पांच चैनलों के जरिये पढ़ सकेंगे। राज्य हिंदी संस्थान प्री-प्राइमरी से इंटर तक की कक्षाओं के लिए 50 वीडियो तैयार कर रहा है। इसे स्कूलों में पढ़ाने के अलावा चैनल और यू-ट्यूब पर 24 घंटे प्रसारित किया जाएगा। जो बच्चे किसी कारण से स्कूल देर से पहुंचे या छुट्टी पर हैं वे इस वीडियो की मदद से हिंदी व संस्कृत पढ़ सकेंगे। इस वीडियो से पढ़ना सहज और सरल होगा।
नई शिक्षा नीति के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की शाखा राज्य हिंदी संस्थान हिंदी व संस्कृत को सीखने के सरल विधियों को विकसित करेगा। संस्थान की निदेशक चंदना रामइकबाल यादव ने बताया कि वन क्लास वन चैनल के रूप में प्रधानमंत्री ई-विद्या अभियान के तहत प्री-प्राइमरी से इंटर तक की कक्षाओं के लिए वीडियो बनाए जाएंगे।
प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रमों के आधार पर गुणवत्तायुक्त शैक्षिक सामग्री पर वीडियो बनाएंगे। इसके लिए कार्यशालाएं भी होंगी। हिंदी के कार्यक्रम प्रभारी डॉ. प्रदीप जायसवाल और संस्कृत के प्रभारी डॉ. अमरजीत ने बताया कि शिक्षकों से इसके स्कि्रप्ट लिखवाए जा रहे हैं। फिर विशेषज्ञों के परीक्षण के बाद वीडियो बनाए जाएंगे।
सिखेंगे वर्णमाला, अक्षर ज्ञान और अलंकार
डॉ. प्रदीप जायसवाल ने बताया कि प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों के लिए वर्णमाला, अक्षरों का ज्ञान, मात्राओं का ज्ञान, भाषा कौशल, ध्वनि जागरूकता, मौखिक भाषा के अलावा कहानियां, कविताएं, नाटकों के जरिये हिंदी और संस्कृत सिखाने का प्रयास किया जाएगा। कक्षा छठवीं से 12वीं तक की कक्षाओं में अवधारणा पर आधारित हिंदी व संस्कृत में संधि, अलंकार, संज्ञा, कहानी, कविता के वाचन व व्याख्या की विधि, शब्दार्थ निकालने आदि तरीके जान सकेंगे।
हर कक्षा के लिए होंगे चैनल
पीएम ई-विद्या के तहत पांच चैनल हैं जिस पर हिंदी व संस्कृत की शिक्षक सामग्री का प्रसारण होगा। डीटीएच के 173 चैनल पर प्री प्राइमरी से कक्षा एक व दो, 174 पर कक्षा तीन, चार व पांच, 175 पर कक्षा छह, सात व आठ, 176 पर कक्षा नौ व 10 और 177 पर कक्षा 11 व 12 के पाठ्यक्रम पर आधारित वीडियो दिखाए जाएंगे। स्मार्ट स्कूलों में लगे टीवी पर हिंदी व संस्कृत के वीडियो के प्रसारित होंगे। इसके अलावा एससीईआरटी के यू-ट्यूब पर भी बच्चे ये वीडियो देख सकते हैं।
क्या बोले अधिकारी
कोर्स के अनुसार ही वीडियो बनाए जाएंगे। विद्यार्थियों के लिए यह वीडियो काफी प्रभावी होगा, जो उनमें पढ़ने के प्रति रोचकता पैदा करेगा। -चंदना रामइकबाल यादव, निदेशक, राज्य हिंदी संस्थान
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