लखनऊ। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में तैनात स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) व अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) की कार्यशैली बेहतर न पाए जाने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। अब इन्हें हर दिन दो घंटे स्कूल में रुकना आवश्यक कर दिया गया है।
इस दौरान कक्षा का अवलोकन, उपचारात्मक और समस्यात्मक चीजों पर ध्यान देना होगा। जो एआरपी व एसआरजी लापरवाही करेंगे उन्हें पद से हटाया जाएगा। विभाग ने समीक्षा में पाया कि कई एआरपी ऐसे हैं जो स्कूलों में
सर्वेक्षण कार्य के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं। अब इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
बता दें कि निपुण लक्ष्य की पूर्ति के लिए 2021 में विषयवार करीब 50 शिक्षकों की एआरपी और तीन शिक्षकों की एसआरजी के पद पर तैनाती हुई थी। इनका मुख्य काम हर माह 30 विद्यालयों में जाकर गणित, अंग्रेजी, विज्ञान जैसे विषयों पर ध्यान देना था।
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10 दिन में 20 स्कूलों का सर्वेक्षण अनिवार्य
सभी स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) को 10 दिन में 20 स्कूलों का सर्वेक्षण करना अनिवार्य है। इसके बाद वह अपने उस विद्यालय में भी पढ़ाने जाएंगे जहां उनकी तैनाती है। इस संबंध में एसआरजी प्रीती सिंह, सुनीता तिवारी, क्षमा सिंह को नोटिस जारी कर दिया गया है। जो विद्यालय में शिक्षण कार्य नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि एआरपी और एसआरजी के कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। जिनका कार्य बेहतर नहीं है, उन्हें चेतावनी दी गई है। वहीं एआरपी अनुराग सिंह राठौर का कहना है कि लगातार मेहनत की जा रही है। इस बार जो कार्य पुस्तिका आई है वह काफी प्रभावी है, हम लोग लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगातार मेहनत जारी रखेंगे।
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