परिषदीय विद्यालयों में पिछले दिनों आधार कार्ड अनिवार्य किया गया था। क्योंकि आधार से अटैच खाते में ही बच्चों के लिए ड्रेस, बैग, जूता-मोजा का पैसा भेजा जाता है। हालत यह है कि बच्चों के व उनके अभिभावकों के आधार बनवाने में ही प्रधानाचार्य व शिक्षकों को परेशानी उठानी पड़ी है। अब भी काफी बच्चों के अभिभावकों के आधार कार्ड नहीं बन सके हैं। इससे
काफी बच्चे डीबीटी से भी छूटे हुए हैं।
प्रदेश के समस्त शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत समस्...
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने शासन के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि सभी विद्यार्थियों का जन्म पंजीकरण कराने की कार्यवाही प्रधानाचार्य व प्रभारी सत्र की शुरुआत में
ही करेंगे। हर विद्यार्थी का जन्म प्रमाण पत्र व आधार कार्ड संख्या संबंधित पोर्टल पर भी अंकित करेंगे। वहीं शिक्षकों का कहना है कि जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक साल के बाद एफीडेविट लगता है। साथ ही शुल्क भी देना होता है। इसके लिए बजट कहां से आएगा और नगर निगम व अन्य कार्यालय के चक्कर कौन लगाएगा। विभाग की ओर से आधार बनवाने के निर्देश भी पूर्व में दिए गए और इसके लिए कोई सुविधा नहीं दी गई।
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