बदायूं। परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति को देखते हुए शासन ने शिक्षकों को डोर टू डोर अभियान चलाकर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ जिले में 2155 स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में करीब सवा तीन लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। पंजीकृत छात्राओं में से महज 40 से 50 प्रतिशत ही छात्र-छात्राएं लगातार स्कूल आ रहे हैं, शेष का कभी-कभार ही स्कूल आना होता है। शासन स्तर से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, ऐसे में इनकी संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा की ओर से निर्देश दिए गए हैं।
शासन की सख्ती को देख इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापक को निर्देशित किया है। बीएसए ने शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वह घर-घर जाकर अभिभावकों से बात करें और बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करें। ताकि स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाई जा सके।
18 प्रधानाध्यापकों का रोका गया था वेतन
जिले में परिषदीय स्कूलों की स्थिति अच्छी नहीं थी। इसकी वजह से सितंबर की शुरूआत में प्रदेश में जिले का 71वां स्थान था। इसको ध्यान में रखते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने 44 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले 18 प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक का वेतन रोक दिया था।
बीईओ समेत प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वह छात्र-छात्राओं की संख्या को बढ़ाएं। शिक्षक घर-घर जाएं और अभिभावकों से बातचीत कर छात्र-छात्राओं को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें। -वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
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