बलिया। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) अब एक दिन में दो स्कूलों से अधिक का भ्रमण नहीं कर सकेंगे। इसको लेकर शासन ने निर्देश दिए हैं। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन को अब कम से कम एक स्कूल में दो घंटे का समय देना होगा और वह शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए नवीन तकनीकों के बारे में भी शिक्षकों को जानकारी देनी होगी। उन्हें अपनी भ्रमण की आख्या प्रेरणा पोर्टल पर देनी होगी।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार की ओर से एकेडमिक रिसोर्स पर्सन विषय वार नियुक्त किए गए हैं। उन सभी एआरपी को यह निर्देश है कि वह शैक्षिक गुणवत्ता में व्यापक सुधार के लिए अपनी-अपने ब्लॉक क्षेत्र के स्कूलों में पहुंचकर कक्षा में रहकर कम से कम दो घंटे तक शिक्षण कार्य देखें।
शिक्षक किस तरह बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उसको अपने मोबाइल के जरिए प्रेरणा पोर्टल पर दर्शाया जाए। सभी एकेडमिक रिसोर्स पर्सन को
यह निर्देश थे कि वह प्रत्येक स्कूल में दो घंटे अवश्य रहें, ताकि संबंधित विषय के शिक्षण कार्य को वह अच्छे तरीके से देख सकें। यदि कहीं पर सुधार की आवश्यकता है, तो शिक्षक को उसके बारे में बताएं।
एआरपी ने एक दिन में कितने स्कूलों का भ्रमण किया गया, इसकी पूरी रिपोर्ट प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से महानिदेशक स्कूली शिक्षा तक पहुंचती है। प्रत्येक माह उसकी रिपोर्ट भी आती है कि किस एकेडमिक रिसोर्स पर्सन ने कितने स्कूलों में जाकर अपने विषय से संबंधित कार्य किया है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि एआरपी अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक दिन में तीन से चार स्कूलों में जाते हैं और वहां पर फोटो- वीडियो डालकर अपने काम से इतिश्री कर लेते है पर अब ऐसा नहीं होगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा उप्र के निर्देश मिले हैं कि प्रत्येक एआरपी एक दिन में केवल दो ही स्कूल का भ्रमण करना होगा। वहां से कम से कम दो घंटे रहकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना होगा। इसको लेकर एआरपी को निर्देशित कर दिया है।
मनीष कुमार सिंह, बीएसए।
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