प्रतापगढ़, । परिषदीय स्कूल के नौनिहालों को अब मध्याह्न भोजन के साथ आंवले से बना मुरब्बा और कैंडी भी परोसा जाएगा। नौनिहालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने का हवाला देते हुए यह प्रस्ताव जिले के आंवला उद्यमियों की ओर से शासन को भेजा गया था। इस पर शासन ने अपनी मुहर लगा दी है।
बेल्हा के परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहालों को मध्यान्ह भोजन के साथ आंवला मुरब्बा और कैंडी परोसी जाएगी। शासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक नवम्बर से बच्चों को भोजन के साथ मुरब्बा, कैंडी वितरित कराने का निर्देश दिया है। नौनिहालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने का हवाला देते हुए जिले में आंवला उत्पाद बनाने वाले उद्यमियों ने अनुराग खंडेलवाल के ने नेतृत्व में डीएम के माध्यम से यह प्रस्ताव भेजा था।
जिसमें आंवला उत्पादों से बच्चों की सेहत को होने वाले फायदे भी बताए गए थे। उद्यमियों के इस प्रस्ताव पर शासन ने मुहर लगाकर बेसिक शिक्षा अधिकारी को मध्याह्न भोजन के साथ आंवला उत्पाद वितरित कराने का निर्देश दिया है।
अलग से जारी होगा बजटः परिषदीय स्कूल के नौनिहालों को मध्यान्ह भोजन देने के लिए शासन ने पहले से बजट निर्धारित कर रखा है। अब आंवला उत्पाद वितरित करने के लिए स्कूलों को शासन से अलग बजट दिया जाएगा। बीएसए भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि शासन ने एक नवम्बर से परिषदीय स्कूल के छात्र, छात्राओं को मध्यान्ह भोजन के साथ आंवला उत्पाद (मुरब्बा, कैंडी) देने का निर्देश दिया है। एक नवम्बर से बच्चों को आंवला वितरित करने की तैयारी कर ली गई है.
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