👇Primary Ka Master Latest Updates👇

सुकन्या समृद्धि खाता कानूनी अभिभावक ही संभाल सकेंगे

नए नियमों के अनुसार, बच्ची का खाता अब उसके प्राकृतिक माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही संचालित कर सकते हैं। ऐसा नहीं होने पर खाता बंद किया जा सकता है। अक्सर, देखने में आता है कि ऐसे दादा-दादी या नाना-नानी, जो कानूनी अभिभावक नहीं हैं, वे भी अपनी पोती-नातिन की वित्तीय सुरक्षा के लिए उसके नाम से सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा देते हैं। ऐसे मामलों में खाते की संरक्षकता बच्चे के प्राकृतिक माता-पिता या कानूनी अभिभावक को हस्तांतरित कर दी जाएगी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि दादा-दादी या नाना-नानी को कानूनी अभिभावक बनाया गया है तो वे खाता संचालित कर सकते हैं। अन्य स्थितियों में एक अक्तूबर से पहले खाता हस्तांतरित करना होगा।

इसके साथ ही अनियमित खातों को भी 1 अक्तूबर 2024 से बंद कर दिया जाएगा। इसे ऐसे समझें। यदि एक ही परिवार में दो बच्चियों के नाम से खाते खोले गए हैं लेकिन किसी कारणवश एक खाते में सालाना न्यूनतम राशि जमा नहीं हो पाती है तो वह अनियमित की श्रेणी में आ जाता है।

इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार से दो लड़कियों को खाता खोलने की अनुमति उनके अभिभावकों को दी गई है। विशेष परिस्थितियों में यानी अगर किसी परिवार में जुड़वां या एक साथ तीन बच्चियां पैदा हो गई हैं तो उन परिवारों के लोग दो से अधिक बेटियों के खाते खुलवा सकते हैं। जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु से पहले खाता खुलवाया जा सकता है।


योजना में क्या है खास

सरकार ने देश की बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और उनकी शादी के लिए साल 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। इसे संक्षेप में एसएसवाई या एसएसवाई स्कीम भी कहा जाता है। इस योजना के तहत आप अपनी बेटी का खाता किसी सरकारी बैंक या पोस्टआफिस में खुलवा सकते हैं। योजना के तहत आप अपनी बेटी के नाम से हर माह न्यूनतम 250 रुपए और अधिकतम 12500 रुपए जमा कर सकते हैं। योजना की परिपक्वता की कोई समयसीमा नहीं बल्कि आपकी बेटी की आयुसीमा रखी गई है। यानी जब आपकी बेटी 21 साल की होगी तो योजना का पैसा उसे मिल जाएगा। लेकिन योजना में निवेश की कुल अवधि सिर्फ 15 साल ही होगी।

बंद कराने की है अनुमति

अक्सर देखा जाता है कि किसी परिवार की आर्थिक स्थिति अचानक खराब हो जाती है। ऐसे में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खुलने वाले खाते में प्रति माह एक निर्धारित धनराशि जमा करना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित होता है। ऐसे परिवारों की परेशानियों को देखते हुए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खोले गए खाते को पांच साल बाद बंद भी किया जा सकता है। वैसे तो इस योजना के तहत आठ फीसद की दर से ब्याज मिलता है लेकिन परिपक्वता अवधि से पहले खाता बंद करने पर ब्याज दर किसी बैंक के बचत खाते के समान ही मिलेगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,