प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में मिड-डे-मील के टूट-फूट चुके बर्तनों/उपकरणों के स्थान पर नए बर्तन खरीदे जाएंगे। इसके लिए विद्यालयों के एमडीएम खाते में धनराशि भेजी जा चुकी है। अब इस धनराशि से बर्तनों को क्रय करने के संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं संबंधित ग्राम प्रधानों को निर्देश दिए हैं।
कुछ बीएसए ने बर्तन क्रय करने के लिए गाइड लाइन जारी की है। कहा है कि एल्यूमीनियम के बर्तन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, इसलिए स्टेनलेस स्टील के बर्तनों की खरीद की जाए। मिड-डे-मील के लिए वर्ष 2016 के बाद बर्तन क्रय करने के लिए बजट नहीं दिया गया। आठ वर्षों में अधिकांश विद्यालयों के बर्तन टूट-फूट गए।
कुछ जिलों में गैस सिलेंडर उपलब्ध नहीं हैं। कहीं-कहीं चोरी की घटनाएं हो जाने से बर्तनों/उपकरणों का अभाव हो गया। ऐसे में जनपद के राजकीय एवं परिषदीय विद्यालयों में आदर्श किचेन विकसित किए जाने के उद्देश्य से बर्तन, तस्तरी के साथ बड़े भगोने, कंटेनर, कड़ाही, 10 से 20 लीटर के कुकर, गैस सिलिंडर, भट्ठी इत्यादि की आवश्यकता है।
इस कारण जहां आवश्यकता है, वहां छात्र संख्या के क्रम में आवश्यकता को देखते हुए धनराशि भेजे जाने के बाद कुछ बीएसए ने बर्तन क्रय करने के आदेश दिए हैं। कुछ जिलों में जल्द ही आदेश जारी होने की संभावना है। आदेश में कहा गया है कि बर्तन अध्यापक/ग्राम प्रधान द्वारा आवश्यकता के अनुसार खरीदे जाएंगे और उसका भुगतान एकाउंट पेयी चेक से किया जाए।
इसके लिए किसी फर्म को अधिकृत या नामित नहीं किया गया है। बर्तन क्रय के बिल सुरक्षित रखने होंगे। भोजन पकाने में एल्यूमीनियम के बर्तनों का प्रयोग किए जाने से भोजन में एल्यूमीनियम की लीचिंग का खतरा रहता है, इसलिए स्टेनलेस स्टील के बर्तन क्रय किए जाएं।
बर्तनों पर विद्यालय का नाम, क्रय की तिथि लेजर से अंकित (गुदवाई) जाए। बर्तनों के फोटोग्राफ एवं स्टाक रजिस्टर के अंकन संबंधी पृष्ठ की फोटो प्रेरणा पोर्टल प्रणाली के एमडीएम माड्यूल के अंतर्गत लिंक कर अपलोड करनी होगी।
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