सहारनपुर। विद्यालयों में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में दो विद्यालयों से लिए गए मध्याह्न भोजन के नमूने अधोमानक मिले हैं, जबकि चार विद्यालयों से लिए नमूने असुरक्षित पाए गए हैं। यानी वह भोजन मासूमों की सेहत के लिए सही नहीं था। बीएसए ने स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं।
नगर क्षेत्र के विद्यालयों में एनजीओ के द्वारा तैयार भोजन की आपूर्ति की जाती है, जबकि देहात के विद्यालयों में प्रधानाध्यापक द्वारा रसोई माताओं से भोजन तैयार कराया जाता है। कुछ दिन पहले खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों से मध्याह्न भोजन (मिड-डे-मील) में पके हुए चावल, सब्जी, दाल आदि के नमूने लिए थे। जांच रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक विद्यालय पंडौली से लिया सब्जी का नमूना, प्राथमिक विद्यालय देवबंद-5 से लिया आलू-सोयाबीन की सब्जी का नमूना असुरक्षित मिला।
इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय देवबंद-6 से लिया आलू-सोयाबीन की सब्जी का नमूना और सहारनपुर नगर के प्राथमिक विद्यालय शिवपुरी से लिया गया दाल और मिक्स सब्जी का नमूना असुरक्षित मिला है। जबकि प्राथमिक विद्यालय छोटी पठेड़ से लिया पके हुए चावल और प्राथमिक विद्यालय गंजेड़ी से लिया आलू-टमाटर की सब्जी का नमूना अधोमानक मिला है।
यह रिपोर्ट जारी होने के बाद विभागीय अधिकारियों और संबंधित शिक्षकों व एनजीओ में खलबली है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी छह विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
- पूर्व की प्रमुख घटनाएं
- वर्ष 2015 में मुर्तजापुर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थी घटिया दाल-चावल लेकर तहसील पहुंचे थे।
- वर्ष 2017 में महिला समाख्या द्वारा 64 विद्यालयों में भेजा जाने वाला भोजन खराब मिला था।
- वर्ष 2018 में सहारनपुर नगर के गांव चकदेवली में पतली दाल और सूखी रोटियों को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा किया।
- पांच सितंबर 2024 को खराब गुणवत्ता के मध्याह्न भोजन पर अलाउद्दीन बांस स्थित विद्यालय के शिक्षक निलंबित किए थे।
- नमूना असुरक्षित पाए जाने का मतलब है कि उक्त भोजन खाने योग्य नहीं था। यदि उसका सेवन किया जाए तो वह मानव जीवन के लिए सुरक्षित नहीं है। - अशोक कुमार शर्मा, सहायक आयुक्त खाद्य प्रथम।
- जिन विद्यालयों का मध्याह्न भोजन असुरक्षित या अधोमानक मिला है उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। - कोमल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।
0 टिप्पणियाँ