लखनऊ। उप्र संबद्ध महाविद्यालय
शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को निरस्त करने (एनईपी), पुरानी पेंशन बहाल करने समेत 23 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को ईको गार्डेन में धरना दिया। शिक्षकों ने कहा कि एनईपी तो सरकार ने आनन-फानन लागू कर दिया, लेकिन कॉलेजों में संसाधन पर काम नहीं किया गया। इससे यह व्यवस्था विद्यार्थियों के लिए गैरलाभकारी हो गई। इसलिए इसे तत्काल निरस्त किया जाय।
फुपुक्टा अध्यक्ष प्रो वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षकों को अन्य विभागों की तरह चिकित्सा सुविधा दी जाए। पहले की तरह फीडर काडर को बहाल किया जाए। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जातीं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। सरकार की दमनकारी नीति का शिक्षक पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा का बजट आवंटन 10% किया जाए।
महामंत्री प्रो. प्रदीप सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन को समाप्त करना एक
अमानवीय कदम था। कोई भी शिक्षक व कर्मचारी जो अपना पूरा जीवन किसी संस्था को देकर सेवानिवृत्त होता है, उसे बेसहारा बेचारा बनाकर छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए। वहीं नीट, सीयूईटी जैसी अलोकतांत्रिक परीक्षाओं को खत्म किया जाए। धरने में एआईफुक्टो के जोनल
सेक्रेट्री प्रो. अखिलेश राय, उपाध्यक्ष
प्रो. मोजपाल सिंह, फुपुक्टा
कार्यालय मंत्री प्रो. मनीष हिंदवी,
उपाध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ सिंह, डॉ.
अमित राय समेत प्रदेश के विभिन्न
विवि के शिक्षक शामिल हुए।
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