यूपी के परिषदीय विद्यालयों को लेकर शासन की ओर से सख्त आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के मुताबिक परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए शिक्षक शारीरिक दंड नहीं दे पाएंगे, इस संबंध में महानिदेशक बेसिक शिक्षा कंचन वर्मा ने आदेश जारी कर दिया है। महानिदेशक ने कहा कि अगर किसी शिक्षक द्वारा शिक्षण कार्य के दौरान बच्चे को दंडित करने का मामला सामने आया तो कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश के कुछ जनपदों से शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य के दौरान छात्रों की बेरहमी से पिटाई करने एवं प्रयागराज के एक स्कूल में बच्चे को कक्ष में बंद कर घर जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए महानिदेशक बेसिक शिक्षा कंचन वर्मा ने आदेश जारी कर कहा है कि अब ऐसा करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। आदेश के मुताबिक अब शिक्षक बच्चों के लिए शिक्षण कार्य के दौरान पीटना तो दूर उन्हें उंगली भी टच नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही शिक्षकों के लिए बच्चों को डांटने का भी अधिकार नहीं है। स्कूल में शिक्षण कार्य के दौरान अगर बच्चे कोई गलती करते हैं तो शिक्षक उन्हें समझाकर सुधार की ओर ले जाएंगे।
नहीं बना सकते मुर्गा
स्कूलों में शिक्षक गलती करने पर, पढ़ाई न करने पर बच्चों की पिटाई लगाते हैं या फिर उन्हें मुर्गा बनाते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। बच्चों को फटकारना, स्कूल में दौड़ाना, हाथ ऊपर करके खड़ा करना, क्लास रूम में अकेले बंद करना आदि प्रतिबंधित है।
बच्चों से न किया जाए भेदभाव
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने कहा कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे किसी भी समुदाय या वर्ग के हों, शिक्षक द्वारा किसी प्रकार का भेदभाव न किया जाए। बच्चों को उनके अधिकारों से अवगत कराया जाए। स्कूल में कंप्लेंट बॉक्स लगाया जाए। जिससे बच्चे किसी प्रकार की शिकायत होने पर उसमें लिखकर डाल सकें।
बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा, शिक्षक बच्चों के लिए किसी प्रकार से दंडित नहीं कर सकते हैं। किसी शिक्षक द्वारा किसी बच्चे को दंडित करने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सभी को आदेश दिये जा चुके हैं।
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