मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)। प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु जहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा० गोरखनाथ पटेल द्वारा विद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण का अभियान चलाया जा रहा है वहीं गुरुवार को खण्ड शिक्षा अधिकारी की जांच में फंसे शिक्षा मित्र द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी पर ही उत्पीड़न करने का आरोप लगाये जाने का मामला प्रकाश में आया है।
मिली जानकारी के अनुसार खण्ड शिक्षा अधिकारी डा० अविनाश सिंह पटेल द्वारा गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय पंवारा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में कार्यरत शिक्षा मित्र अरुण कुमार द्वारा उपस्थित पंजिका में एडवांस में हस्ताक्षर बनाया गया था। जिसके बारे में खण्ड शिक्षा अधिकारी डा० अविनाश सिंह पटेल द्वारा पूछे जाने पर शिक्षा मित्र अरुण कुमार ने इसे भूल वश अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने का भरोसा दिया। बताया जाता है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा भी उसकी पहली गलती मानते हुए सुधार लाने का निर्देश देकर मामले को रफा-दफा कर दिया गय। बताया जाता है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी के वापस लौटने के बाद कतिपय लोगों द्वारा शिक्षा मित्र अरुण कुमार को उकसा कर खण्ड शिक्षा अधिकारी पर दबाव बनाने हेतु उनपर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने तथा उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए पंवारा थानाध्यक्ष को लिखित तहरीर दिला दी गई। जिसकी सूचना मिलते ही बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी डा० अविनाश सिंह ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय पंवारा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान उपस्थित पंजिका पर शिक्षा मित्र अरुण कुमार द्वारा एडवांस में हस्ताक्षर बनाया पाया गया था। जिसके लिए उससे पूछताछ की गई तो उसने इसे अपनी भूल स्वीकार करते हुए दुबारा ऐसी गलती नहीं करने का आश्वासन दिया गया। उसकी पहली गलती देखते हुए उसे एक मौका दिया गया था। इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर प्रभारी थानाध्यक्ष पंवारा ने बताया कि तहरीर मिली है। जिसकी जांच की जा रही है। जांचोपरांत आरोप सही पाए जाने पर ही विधिक कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल खण्ड शिक्षा अधिकारी के आकस्मिक निरीक्षण किए जाने की सूचना मिलते ही लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों में हड़कंप मच गया है तथा अब वह अपने ही अधिकारी पर दबाव बनाने की योजनाओं को अमली जामा पहनाने की योजना को मूर्त रूप देने में जुट गए हैं। जिसके कारण बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों का भविष्य अंधकारमय होने की ओर अग्रसर हो सकता है।
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