लखीमपुर खीरी। परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के जन्म का पंजीकरण कराना और आधार कार्ड बनवाना अब शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी। सभी विद्यार्थियों का जन्म पंजीकरण कराने की कार्यवाही प्रधानाचार्य और प्रभारी सत्र की शुरुआत में ही करेंगे।
शासन स्तर से बीएसए को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र और आधार कार्ड नंबर निर्धारित पोर्टल पर भी अपलोड करना होगा। दरअसल, परिषदीय विद्यालयों में अब आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है। विभाग की ओर से कई योजनाओं का संचालन किया जाता है, जिसमें आधार कार्ड के बिना योजना का लाभ नहीं मिल पाता है.
विभाग की सबसे अहम योजना डीबीटी के माध्यम से मिलने वाली 1200 रुपये की धनराशि जोकि ड्रेस, बैग, जूता-मोजा आदि के लिए दी जाती है। यह धनराशि आधार से जुड़े खाते में ही भेजी जाती है। आज भी हजारों बच्चों के पास आधार कार्ड मौजूद नहीं है। इसको लेकर अभिभावक परेशान हैं। साथ ही स्कूल के प्रधानाचार्य व शिक्षक भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं। आधार कार्ड न होने की वजह से आज भी काफी बच्चे डीबीटी से छूटे हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने शासन के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि सभी विद्यार्थियों का जन्म पंजीकरण कराने की कार्रवाई प्रधानाचार्य व प्रभारी सत्र की शुरुआत में ही करेंगे। हर विद्यार्थी का जन्म प्रमाण पत्र व आधार कार्ड संख्या संबंधित पोर्टल पर भी अंकित करेंगे। फिलहाल विभाग ने कवायद तेज कर दी है।
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