लखनऊ : माध्यमिक
स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों से जुड़े मामलों की फाइलें सिर्फ बाबुओं के भरोसे निपटाने वाले शिक्षाधिकारियों पर शिकंजा कसा जाएगा। अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड)
माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक व कर्मचारी संगठनों की ओर से की गईं शिकायतों पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव ने सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, उप शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि वे खुद सुनवाई कर मामले का निस्तारण करें।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने निर्देश दिया है कि शिक्षकों व कर्मचारियों के सेवा संबंधी व अन्य मामलों के निस्तारण के लिए पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों की
सुनवाई खुद जिम्मेदार शिक्षाधिकारी ही करें। ऐसी शिकायतें मिल रहीं हैं कि शिक्षाधिकारी अधीनस्थ अधिकारियों व बाबुओं के भरोसे ही पूरे प्रकरण का निस्तारण करते हैं। ऐसे में शिक्षकों
व कर्मचारियों का शोषण किया जाता है। शासन की ओर से दिए गए दिशा- निर्देशों का पालन न करने पर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी कहते हैं कि शिक्षकों को छोटे-छोटे मामलों में बेवजह परेशान किया जा रहा है। ऐसे में वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होते हैं। अब निदेशक के आदेश के बाद उम्मीद है कि व्यवस्था में सुधार होगा।
शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि क्लर्क बेवजह शिक्षकों को दौड़ाते हैं और अधिकारियों से शिकायत करने पर भी कोई राहत नहीं मिलती। अब लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, तभी सुधार होगा।
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