बाराबंकी। जिले के छह परिषदीय विद्यालय के भवन और बच्चे न होने से उनके यू डायस कोड को औपचारिकता निभाने के लिए दूसरे स्कूलों में विलय किया गया है। ताकि इन स्कूलों के नाम पर मिलने वाली कंपोजिट धनराशि व अन्य योजनाओं का फायदा मिल सके। इनमें एक स्कूल बंद पड़ी चीनी मिल का तो बाकी सभी स्कूल बाढ़ प्रभावित गांवों के हैं, जो कटान के कारण वह गए।
> पूरे डलई ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नैपुरा पिछले साल बाढ़ में बहने के बाद इस स्कूल का इसी गांव के कंपोजिट विद्यालय में, मांझा रायपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय का गांव के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में विलय किया गया है। सूरतगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सरसंडा का भी गांव के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में, प्राथमिक विद्यालय खुज्झी का पड़ोस के गांव जमका के प्राथमिक विद्यालय में विलय किया गया है, जबकि रामनगर में बंद बुढ़वल चीनी मिल के अंदर संचालित विद्यालय का इसी गांव के प्राथमिक विद्यालय में विलय किया गया है।
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*बीएसए बोले, 50 बच्चों से कम संख्या वाले प्रकरण से इसका कोई मतलब नहीं*
> बीएसए संतोष देव पांडेय ने बताया कि इन स्कूलों का 50 से कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों से लेना- देना नहीं। इनमें में से पांच स्कूलों के भवन बाढ़ में बह गए थे और चीनी मिल का स्कूल सालों से बंद है। इनके यू डायस कोड थे, लेकिन स्कूल नहीं चलने के कारण इन्हें दूसरे स्कूलों में विलय किया गया है।
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