छठ पूजा पर्व के उपलक्ष में कल यानी 07 नवंबर 2024 समस्त परिषदीय विद्यालयों में रहेगा अवकाश रहेगा जिसकी अवकाश तालिका नीचे दी जा रही है.
आइए इस पर्व के बारे में कुछ जानते हैं और यह कैसे और क्यों मनाया जाता है.
छठ पूजा एक प्रमुख हिन्दू पर्व है, जो विशेष रूप से भारत के बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना के लिए समर्पित होता है। छठ पूजा में लोग अपनी संतान और परिवार की खुशहाली, सेहत, और समृद्धि के लिए सूर्य देव से आशीर्वाद मांगते हैं।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा में सूर्य देव की आराधना का महत्व इसलिए है क्योंकि सूर्य को जीवन का स्रोत और ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। इस पूजा में छठी मैया, जिन्हें सूर्य देव की बहन भी माना जाता है, की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि छठी मैया संतान को स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं।
छठ पूजा की प्रक्रिया
छठ पूजा चार दिनों तक चलती है और इसे काफी कठिन नियमों और शुद्धता के साथ किया जाता है।
1. पहला दिन (नहाय-खाय): इस दिन व्रती (जो छठ व्रत करते हैं) गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करके शुद्धता प्राप्त करते हैं और शुद्ध भोजन करते हैं।
2. दूसरा दिन (खरना): इस दिन व्रती दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को खीर, रोटी और फल का प्रसाद बनाकर सूर्य देव को अर्पित करते हैं और फिर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
3. तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य): इस दिन शाम के समय व्रती नदी या तालाब किनारे जाकर पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
4. चौथा दिन (उषा अर्घ्य): इस दिन सूर्योदय के समय व्रती एक बार फिर से सूर्य को अर्घ्य देते हैं और फिर अपना व्रत तोड़ते हैं।
छठ पूजा का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामुदायिक भी है। इस पर्व में लोग सामूहिक रूप से घाटों पर इकट्ठा होते हैं और इसे मिलजुल कर मनाते हैं।
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