हमीरपुर, । जिले में 967 परिषदीय स्कूलों में 226 में छात्र संख्या 50 से कम पाई गई है। इनमें ताला पड़ने से जिले के लगभग 8 हजार बच्चों का भविष्य गड़बड़ा सकता है। जिनको दूरस्त विद्यालयों में समायोजन से गरीब बच्चों की पढ़ाई छूटने का खतरा बढ़ जाएगा। इसके साथ ही एक हजार शिक्षक व शिक्षामित्रों का समायोजन भी दूसरें विद्यालयों में होने की संभावना है।
जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के 967 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित है। जिनमें एक लाख छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बीते माहों में स्कूल चलो अभियान के दौरान छात्रों की संख्या बढ़ाने के लगातार दिशा-निर्देश जारी किये गए मगर इस सबके बाद भी 226 स्कूलों में छात्र संख्या 50 से कम है। ऑनलाइन छात्र उपस्थिति के बाद शासन ने 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की सूची जिला बेसिक शिक्षाधिकारी से मांगी थी। जिसे विभाग द्वारा शासन को भेज दिया गया है।
संभावना जताई जा रही है कि 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करके इनमें पढ़ने वाले लगभग 8 हजार छात्र-छात्राओं को आसपास के स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। जिससे तमाम गरीब बच्चों को दूर का स्कूल मिलने की स्थिति में पढ़ाई छूटने की संभावना है। यदि कम संख्या वाले स्कूलों को बंद किया गया तो लगभग एक हजार अध्यापकों के साथ ही शिक्षामित्रों को दूसरे स्कूलों में समायोजन के साथ ही रसोइयों के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसके साथ ही विद्यालय भवनों को किस उपयोग में लाया जाएगा। इसका जवाब अभी फिलहाल किसी के पास नहीं है।
जिले में कितने ऐसे स्कूल चिन्हित- 226
इन स्कूलों में लगभग कितने बच्चे- 8000
इन स्कूलों में कितने शिक्षक-शिक्षामित्र- 1000
शासन ने 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की सूची मांगी गई थी। जिसमें जिले के 226 विद्यालय ऐसे पाये गये हैं। जिनकी सूची भेज दी गई है। विद्यालय बंद होंगे या नहीं इसका उनके पास कोई आदेश नहीं आया है। जो दिशा-निर्देश मिलेंगे उनका पालन कराया जाएगा।
आलोक सिंह, बीएसए हमीरपुर
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