उत्तर प्रदेश के गोंडा में में शातिर जालसाजों ने ग्राम विकास अधिकारी की नौकरी का झांसा देकर पांच बेरोजगार युवकों से 22 लाख रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद आरोपी नौकरी दिला पाए और न ही पैसा वापस कर रहे थे। वहीं पीड़ितों ने पुलिस समेत अधिकारियों से शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पिता-पुत्र समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज किया है।
मामला शहर कोतवाली इलाके की है। पीड़ित विष्णु प्रताप सिंह ने पुलिस को शिकायत की। बताया कि वह इमलिया गुरूदयाल गांव का रहने वाला है।वर्ष 2018-19 में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इसी बीच उसकी मुलाकात देहात कोतवाली क्षेत्र के खरगूचांदपुर निवासी मुक्कू पांडेय से हुई।
इस तरह झांसे में लिया
मुक्कू पांडेय ने ग्राम विकास अधिकारी की नौकरी दिलाने के लिए सचिवालय में पहुंच होने का झांसा दिया। उसने खरगूचांदपुर निवासी ज्वाला प्रसाद व उनके बेटों पिंटू तिवारी व जितेंद्र तिवारी से मुलाकात कराई। इस दौरान आरोपियों ने सचिवालय का अधिकारी बताकर किसी से फोन पर बात भी कराई। ऐसे में पीड़ित आरोपियों की बातों में आ गए।
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