अगर आपकी कमाई पर ज्यादा टीडीएस कट रहा है और आप हर साल टैक्स रिफंड की झंझट से बचना चाहते हैं, तो फॉर्म-13 भरना एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। आयकर विभाग ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए यह फॉर्म जारी किया है, जिससे करदाताओं को कम या शून्य टीडीएस कटौती की सुविधा मिल सकती है। इस फॉर्म को भरकर पहले से ही यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि आय पर अतिरिक्त टीडीएस न कटे।
अक्सर देखा जाता है कि बैंक, कंपनियां, नियोक्ता और अन्य संस्थान आयकर अधिनियम- 1961 के तहत निर्धारित दरों पर टीडीएस काटते हैं, भले ही करदाता की कुल कर देनदारी उतनी न बनती हो। कई लोगों का मासिक बजट प्रभावित होता है और अंत में उन्हें कर रिफंड के लिए आवेदन करना पड़ता है।
इस परेशानी से बचाने के लिए सरकार ने करदाताओं को फॉर्म-13 की सुविधा दी है। यह आयकर अधिनियम-1961 के तहत उपलब्ध एक विशेष फॉर्म है, जो करदाताओं को कम या शून्य टीडीएस कटौती के लिए आवेदन करने की सुविधा देता है। यानी करदाता इसकी मदद से पहले ही अनुरोध कर सकते हैं उनके आय स्रोतों पर सही अनुपात में टीडीएस काटा जाए।
इससे वह अतिरिक्त कटौती से बच जाते हैं। यह फॉर्म उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो बैंक ब्याज, डिविडेंड, या अन्य स्रोतों से आय प्राप्त करते हैं और जिनकी आयकर देयता शून्य होती है। नए वित्तीय वर्ष के लिए करदाता को इसके लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा। फॉर्म-13 को आयकर पोर्टल पर ऑनलाइन भरा जा सकता है। साथ ही ऑफलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।
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