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बीटीसी अर्हता के पदों पर कार्यरत बीएड प्रशिक्षित खतरे में

अनुदान सूची पर लिए गए 1000 जू. हाईस्कूलों में 322 शिक्षकों को वेतन न देने का मामला, विधान परिषद विलंब समिति नाराज

प्रयागराजः वर्ष 2006 में अनुदान सूची (ग्रांट इन एड) पर लिए गए 1000 जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों को वेतन देने के मामले में तत्कालीन अधिकारियों द्वारा दोहरा मापदंड अपनाने से वेतन पा रहे बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। अनुदान सूची पर लिए जाने से पहले इन विद्यालयों में पढ़ा रहे 322 शिक्षकों को वेतन पा रहे शिक्षकों जैसी अर्हता होने के बावजूद वेतन नहीं दिया जाना प्रश्नों के घेरे में है। वेतन न पाने वाले शिक्षकों के मामले की सुनवाई कर रही उत्तर प्रदेश विधान परिषद वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति ने वेतन न दिए जाने का कारण पूछा है।

* प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक (जूनियर हाईस्कूल) में वर्ष 2006 में शिक्षक भर्ती के लिए बीएड प्रशिक्षण अर्हता नहीं थी। बीटीसी वा समकक्ष अर्हता मान्य थी। इसके

बावजूद अनुदान सूची पर लिए गए 1000 विद्यालयों में बड़ी संख्या में जिन शिक्षकों को नियमित कर वेतन आदेश जारी किया गया, वह बीएड प्रशिक्षित या समकक्ष थे। ऐसे में समिति ने वह आधार पूछा है, जिसके कारण 322 शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया, जबकि उसी अर्हता पर कई शिक्षकों को वेतन दिया गया। शिक्षा निदेशालय सभी 75 जिलों से यह आंकड़ा जुटा रहा है कि इस मामले में कितने शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है और कितनों को नहीं। अब तक 29 जनपदों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षा निदेशालय प्रयागराज को नहीं बताया है कि कितने शिक्षकों को वेतन मिल रहा है और कितने को नहीं

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