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एडेड कॉलेजों के विवादों का कैसे होगा निपटारा! आग की भेंट चढ़ी हजारों फाइलें, फिर से रिकॉर्ड ढूंढना होगा मुश्किल, आग लगने के पीछे साजिश की भी आशंका, की जा रही जांच

शिक्षा निदेशालय के दो महत्वपूर्ण अनुभागों में रविवार सुबह आग लगने से कई सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार आग ने उन सेक्शनों को चपेट में लिया, जहां एडेड कॉलेज (अशासकीय माध्यमिक विद्यालय) से जुड़ी अतिसंवेदनशील फाइलें रखी गई थीं। सभी फाइलें जलकर नष्ट होने से फिर से रिकॉर्ड ढूंढना मुश्किल है। चौंकाने वाली बात यह है कि आग खासतौर पर ऐसे समय में लगी, जब कई एडेड कॉलेजों की जांच प्रक्रियाएं चल रही है।


शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की गहन जांच के आदेश दिए हैं। प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है, लेकिन साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। आग कैसे व किन परिस्थितियों में लगी, इसका जांच के बाद खुलासा होगा। हालांकि आग लगने से प्रबंधकीय माध्यमिक विद्यालयों के लंबे समय से लंबित मामलों की भी जुड़ी फाइलें शामिल थीं। विभागीय सूत्रों की मानें तो इसमें शिक्षकों की नियुक्ति, स्थानांतरण व वेतन भुगतान के विवादों के अलावा प्रबंधकीय विवाद पव लंबित मुकदमें से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें थी। इसमें दस से अधिक मंडलों के माध्यमिक विद्यालयों की फाइलें आग से पूरी तरह राख हो गई हैं।

ड्यूटीरत कर्मचारियों से होगी पूछताछ

शिक्षा विभाग की मानें तो जिस वक्त आग लगी थी, उस वक्त वहां आउस सोर्सिंग गार्ड के अलावा कैंटीन के कर्मचारी समेत कुछ अन्य लोग मौजूद थे। रविवार को अवकाश का दिन होने से विभाग के कार्यालयों व अनुभागों के कक्ष में ताला लगा था। अंदर लाइट भी बंद थी, ऐसे में शार्ट सर्किट से कैसे आग लग सकती है, इस पर सवाल उठने लगे हैं। विभाग की ओर से गठित जांच समिति घटना के वक्त ड्यूटीरत व मौजूद लोगों से गहनता से पूछताछ करेगी। इसके साथ ही आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा।

घटना की जांच के लिए समिति गठित

अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि घटना के हर पहलू की गहनता से जांच करने के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी गई है। समिति में एडीएम सिटी और सीएफओ को भी शामिल किया गया है। घटना की गहराई से जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए पुलिस को भी तहरीर दी गई है।

डीआईओएस और ज्वाइंट डायरेक्टर की लेंगे मदद

शिक्षा निदेशालय के सूत्रों की मानें तो डीआईओएस व ज्वाइंट डायरेक्टर के कार्यालयों से संपर्क कर आग में जलकर राख हुई फाइलों के संबंध में रिकॉर्ड मांगा जाएगा। हालांकि केंद्रीय रसीद अनुभाग व लेखा अनुभाग से जुड़ी कुछ फाइलों का रिकॉर्ड तो मिल सकती है, लेकिन एडेड कॉलेजों के रिकॉर्ड मिलना नामुमकिन होगा। शिक्षा निदेशालय के भूतल में एक बड़े हॉल में सामान्य (1) के प्रथम व द्वितीय प्रभाग बनाया गया था। इसमें एडेड कॉलेजों की फाइलें रखी थी। इनका कोई ऑनलाइन डाटा भी उपलब्ध नहीं है।

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