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बड़ी परीक्षाओं के लिए नियमों को शिथिल करने का दबाव, टीजीटी-पीजीटी के लिए भी केंद्रों की व्यवस्था कर पाना चुनौती

प्रयागराज। परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए शासन पर केंद्र का दबाव बढ़ता जा रहा है। आने वाले समय में तीन बड़ी परीक्षाएं होने जा रही हैं। इनमें आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 के साथ सहायक अध्यापक (टीजीटी) व प्रवक्ता (पीजीटी) की परीक्षाएं शामिल हैं।

27 जुलाई को प्रस्तावित आरओ/एआरओ प्रांरभिक परीक्षा के लिए 10.70 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं और इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की एक दिन में परीक्षा करा पाना बड़ी चुनौती होगी। आयोग ने केंद्र निर्धारण के लिए जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में सीबीएसई व आईसीएसई के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बनाए जाने के लिए सहमति पत्र मांगे हैं।

वहीं, जून-2024 को शासन से जारी गाइडलाइन में निजी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। ऐसे में केंद्र निर्धारण के नियमों को शिथिल किए जाने के बाद ही सीबीएसई व आईसीएसई स्कूलों को परीक्षा केंद्रों की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। आयोग को आरओ/एआरओ सभी जिलों में दो हजार से अधिक केंद्रों की जरूरत है।

दूसरी ओर उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग मई व जून में क्रमशः टीजीटी व पीजीटी भर्ती के लिए परीक्षा कराने जा रहा है। 14 व 15 मई को प्रस्तावित टीजीटी परीक्षा के लिए 8.19 लाख और 20 व 21 जून को प्रस्तावित पीजीटी परीक्षा के लिए 4.50 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। इन अभ्यर्थियों के लिए भी पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था के लिए केंद्र निर्धारण के नियम शिथिल किए जा सकते हैं।

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