👇Primary Ka Master Latest Updates👇

संसद ही सुप्रीम, उससे ऊपर कोई नहींः धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि संवैधानिक प्राधिकारी द्वारा बोला गया प्रत्येक शब्द सर्वोच्च राष्ट्रहित से प्रेरित होता है। उन्होंने हाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर सवाल उठाने वाले आलोचकों पर निशाना साधा।

धनखड़ ने कहा कि देश के खिलाफ काम करने वाली ताकतों द्वारा संस्थाओं की आलोचना करने तथा उन्हें बर्बाद करने के प्रयासों को खत्म किया जाना चाहिए। संसद को सर्वोच्च बताते हुए धनखड़ ने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी प्राधिकार की कल्पना नहीं की गई है। संसद सर्वोच्च है... मैं आपको बता दूं कि यह उतना ही सर्वोच्च है जितना कि देश का प्रत्येक व्यक्ति।

शीर्ष अदालत की एक पीठ ने हाल में राज्यपालों द्वारा रोक कर रखे गए विधेयकों पर राष्ट्रपति की मंजूरी के वास्ते उन पर फैसला लेने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की थी। न्यायालय के इस निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए धनखड़ ने कहा था कि न्यायपालिका सुपर संसद की भूमिका नहीं निभा सकती और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में नहीं आ सकती। दिल्ली

विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा बोला गया प्रत्येक शब्द राष्ट्र के सर्वोच्च हित से प्रेरित होता है। उन्होंने कहा कि मुझे यह बात समझ में आती है कि कुछ लोगों ने हाल में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक और रस्मी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक के बारे में गलत समझ से बढ़कर कोई भूल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक की अपनी भूमिका होती है। लोकतंत्र की आत्मा प्रत्येक नागरिक में बसती है ह और धड़कती है। लोकतंत्र फूलेगा-फलेगा। इसके मूल्य और ऊंचे उठेंगे

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,