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विद्या भारती के स्कूली गीत में समरसता का पाठ पढ़ेंगे बच्चे: RSS

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन विद्या भारती से जुड़े स्कूलों के गीत में भी बच्चे समरसता का पाठ पढ़ेंगे। एक अप्रैल से शुरू हो रहे 2025-26 शैक्षणिक सत्र से माध्यमिक कक्षाओं में ‘समरसता का मान बिन्दु यह भारत देश महान है, कोई छोटा बड़ा सब जन एक समान है, हिल मिल कर हम सब रहते हैं, है कुटुम्ब की भावना, सबकी जय हो प्रगति हो सबकी, रखते हैं यह कामना’ गीत को शामिल किया गया है।


प्राथमिक कक्षाओं के लिए ‘भारत मां के चरण कमल की हम नन्हीं सी धूल हैं, अलग-अलग है रूप रंग और, भाषाओं के फूल हैं’। इसके अलावा एक संस्कृत और एक कन्नड़ गीत को भी शामिल किया गया है। इस सत्र में अखिल भारतीय खेल महोत्सव बेंगलुरु में होना है, इसलिए कन्नड़ गीत को शामिल किया है ताकि दूसरे राज्यों के खिलाड़ी जब वहां कन्नड़ में गीत प्रस्तुत करेंगे तो एकता का भाव और मजबूत होगा।

देशभर में संचालित विद्या भारती के 2300 से अधिक माध्यमिक और 900 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे ये चारों गीत इस पूरे सत्र में गाएंगे। विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी इंटर कॉलेज राजापुर के संगीताचार्य एवं विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संयोजक प्रसिद्ध गायक मनोज गुप्ता ने बताया कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान की ओर से आगरा में 24 दिसंबर से 27 दिसंबर 2024 तक अखिल भारतीय संगीत कार्यशाला में देशभर के लगभग 50 संगीताचार्यों ने भाग लिया था।

जिसमें ये चारों गीत अखिल भारतीय स्तर के लिए चयनित किए गए हैं। गीतों के निर्माण में समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, स्व का बोध (स्वदेशी) और नागरिक कर्तव्य विषयों का ध्यान रखा जाता है। पिछले सत्र में माध्यमिक कक्षाओं में ‘राष्ट्र धर्म कर्तव्य मार्ग पर निस दिन बढ़ते जाएंगे, अपनी भारत माता को हम जग सिरमौर बनाएंगे’ और प्राथमिक वर्ग में ‘नन्हे मुन्ने भोले भाले शूरवीर हम सच्चे हैं , सिंहों से हम खेला करते भारत मां के बच्चे हैं’ गीत था जिसके स्थान पर नए गीतों को शामिल किया गया है।

क्षेत्रीय स्तर पर तीन गीत शामिल

राष्ट्रीय स्तर पर नए गीत शामिल करने के साथ ही क्षेत्र स्तर पर भी तीन गीत शामिल किए गए हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संगठन मंत्री हेमचंद्र के अनुसार अखिल भारतीय संगीत कार्यशाला के बाद हर क्षेत्र का क्षेत्रीय संगीत वर्ग होता है जो कि 10 से 12 फरवरी तक रामबाग बस्ती में हुआ था। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के लिए तीन गीत ‘ऐसा देश हमारा जिसकी, माटी पूजी जाती है, आंगन में गौरैया जिसके गीत खुशी के गाती है’, ‘हम बच्चे हैं भरत भूमि के बच्चे हैं’ और ‘खेतवा में सोहे किसान हो जब लहरें सिवनवा’ चयनित हुए हैं।

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