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अब TGT-PGT शिक्षक बनने की राह हुई मुश्किल, बदल गए नियम, अब ये डिग्री जरूरी

अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में पुरुष/महिला सहायक अध्यापक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) भर्ती के लिए विषयवार शैक्षिक अर्हता निर्धारित कर दी गई है। अब राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों की भर्ती के लिए निर्धारित की गई शैक्षिक अर्हता के समान एडेड विद्यालयों के लिए भी विषयवार संशोधन किया गया है।

सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि पीजीटी भर्ती के लिए बीएड प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा टीजीटी एवं पीजीटी के कई विषयों के लिए कई संस्थानों की डिग्री अब मान्य नहीं होगी। कहीं से भी डिग्री प्राप्त कर शिक्षक बनने के रास्ते अब बंद हो गए हैं।

शासन को भेजा गया था प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव भगवती सिंह की ओर से इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर विशेष सचिव आलोक कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। हाईस्कूल यानी कक्षा नौ और 10 के लिए 25 विषयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) भर्ती के लिए शैक्षिक अर्हता तय की गई है।

इसी तरह इंटरमीडिएट यानी कक्षा 11 व 12 के लिए 49 विषयों में प्रवक्ता वेतन क्रम (पीजीटी) में भर्ती के लिए शैक्षिक अर्हता स्पष्ट की गई है। पूर्व में टीजीटी के कई विषयों के लिए निर्धारित योग्यता में अथवा का उल्लेख करते हुए कई विकल्प दिए गए थे। अब अथवा के साथ लिखे गए अधिकांश विकल्पों को हटा दिया गया है।

उदाहरण के लिए संगीत (गायन/वादन) के लिए यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा अथवा समकक्ष परीक्षा- निम्न में से कोई एक परीक्षा (भातखंडे संगीत विद्यापीठ लखनऊ की संगीत विशारद परीक्षा अथवा प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज की संगीत प्रभाकर परीक्षा अथवा गंधर्व महाविद्यालय मुंबई की संगीत विशारद परीक्षा अथवा माधो संगीत विद्यालय ग्वालियर की फाइनल परीक्षा यानी संगीत रत्न अथवा... कुछ और परीक्षा) शामिल थी, जिसे विलोपित कर नई व्यवस्था तय की गई है।

स्नातक उपाधि अनिवार्य अर्हता होगी

अब भारत में विधि द्वारा स्थापित मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/डीम्ड विश्वविद्यालय (संस्थान) से एक विषय के रूप में संगीत के साथ स्नातक की उपाधि अथवा भातखंडे संगीत महाविद्यालय से संगीत विशारद या प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर के साथ भारत में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय अथवा संस्थान से स्नातक उपाधि अनिवार्य अर्हता होगी।

इसके साथ ही भारत में एनसीटीई दवारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में शिक्षा स्नातक (बीएड) की उपाधि को भी अनिवार्य किया गया है। इसी तरह प्रवक्ता संवर्ग में कई विषयों में शैक्षिक अर्हता में बदलाव कर बीएड को अनिवार्य बनाया गया है।

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