👇Primary Ka Master Latest Updates👇

अब राजकीय कॉलेजों में 1698 असिस्टेंट प्रोफेसर की होगी भर्ती

प्रयागराज, नवनिर्मित 71 राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर समेत अन्य पदों पर मंजूरी के बाद नई भर्ती में पदों की संख्या बढ़ गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने पहले 23 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 562 पदों पर चयन के लिए रिक्त पदों की सूचना उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजी थी। अब 71 नए राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 16-16 (आठ कला, पांच विज्ञान, दो वाणिज्य और एक प्रवक्ता लाइब्रेरी) कुल 1,136 पदों की मंजूरी मिलने के बाद इनका अधियाचन भी भेजा जाएगा।


उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज का कहना है कि अगले सप्ताह इन 1136 पदों की सूचना भी आयोग को ऑनलाइन भेज दी जाएगी ताकि इन्हें नई भर्ती में शामिल कर लिया जाए। इस प्रकार नई भर्ती में पदों की संख्या बढ़कर 1,698 हो जाएगी। वैसे तो 71 महाविद्यालय निर्माणाधीन हैं लेकिन इनमें से दो महाविद्यालय जमालपुर मिर्जापुर और राठ हमीरपुर का निर्माण कार्य समय से पूरा होना संभव नहीं दिख रहा। ऐसे में एक जुलाई से 69 महाविद्यालयों में पठन-पाठन शुरू करने की तैयारी है। प्राचार्य के 71 पदों को पदोन्नति से भरा जाएगा।

फिलहाल छह-छह शिक्षकों को करेंगे संबद्ध

जिन 69 नए राजकीय महाविद्यालयों का एक जुलाई से संचालन शुरू होने जा रहा है उनमें छह-छह कुल 414 असिस्टेंट प्रोफेसरों को संबद्ध करके पढ़ाई-लिखाई कराई जाएगी। शुरुआत में पहले से संचालित 171 राजकीय महाविद्यालयों से विज्ञान के तीन, वाणिज्य के एक और कला के दो-दो असिस्टेंट प्रोफेसरों को यहां संबद्ध किया जाएगा। नए कॉलेजों में तैनाती को उच्च शिक्षा निदेशालय में सिफारिश भी लगना शुरू हो गई है। घर से दूर दूसरे जिले के राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर जुगाड़ में लग गए हैं।

अंधेरे में 250 शिक्षकों का भविष्य

प्रदेश के 71 महाविद्यालयों को राजकीय महाविद्यालय के रूप में चलाने के लिए 22 मई को जारी पद सृजन संबंधित शासनादेश से तकरीबन 250 असिस्टेंट प्रोफेसर का भविष्य अंधेरे में पड़ता नजर आ रहा है। इनमें से तकरीबन 17 महाविद्यालय विभिन्न विश्वविद्यालयों के संघटक कॉलेजों के रूप में संचालित हैं। बरेली विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय, अवध विश्वविद्यालय तथा मेरठ विश्वविद्यालय से संबंधित संघटक महाविद्यालयों में तकरीबन 250 के आसपास असिस्टेंट प्रोफेसर और प्राचार्य कार्यरत हैं जिन्हें संबंधित विश्वविद्यालयों की ओर से भर्ती किया गया था। पदसृजन का आदेश जारी होने के बाद पूर्व से कार्यरत इन 250 असिस्टेंट प्रोफेसरों के भविष्य का क्या होगा इस पर न तो सरकार और न ही संबंधित विश्वविद्यालयों के स्तर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,