नई दिल्ली, एजेंसी। बाजार नियामक सेबी नई केंद्रीय केवाईसी व्यवस्था बनाने की दिशा में वित्त मंत्रालय और अन्य वित्तीय नियामकों के साथ मिलकर काम कर रहा है। जल्द ही नई व्यवस्था को शुरू किया जा सकता है। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह केंद्रीय केवाईसी एक ऑनलाइन डाटाबेस होगा, जिसमें ग्राहकों की केवाईसी जानकारी एक ही जगह सुरक्षित रहेगी। इससे अलग-अलग वित्तीय संस्थानों में केवाईसी प्रक्रिया को दोहराने की जरूरत नहीं पड़ेगी और पूरी व्यवस्था ज्यादा सरल और प्रभावी हो सकेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल एक अपलोडिंग व्यवस्था नहीं होगी, बल्कि पूरी तरह से प्रमाणित और सुरक्षित व्यवस्था होगी। फिलहाल छह केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसियां (केआरके) आपस में जुड़ी हुई हैं और डेटा आसानी से साझा किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे जल्दी लागू कर लिया जाएगा।
बजट में हुई थी घोषणा : गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में संशोधित केवाईसी रजिस्ट्री शुरू करने की घोषणा की थी। इसके बाद अप्रैल में वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें मौजूदा केवाईसी प्रणाली को बेहतर बनाने और वित्तीय सेवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करने पर चर्चा की गई।
यह होगा फायदा : इस कवायद के जरिए सरकार का मकसद आधार, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे केवाईसी दस्तावेजों से जुड़े डाटा को अत्यधिक सुरक्षित करना है। इस डाटा तक अब उन्हीं संस्थानों की पहुंच होगी, जो संशोधित केंद्रीय केवाईसी व्यवस्था से पंजीकृत होंगे।
नई व्यवस्था में किसी ग्राहक के बार-बार सत्यापन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।


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