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कोर्ट के आदेश पर बीएसए व बीईओ समेत सात पर केस

अमरोहा। गर्भपात के नाम पर शिक्षिका के 42 दिन का वेतन स्वीकृत करने और गर्भपात संबंधित मूल पत्रावली गायब होने के मामले में बीएसए और बीईओ समेत सात लोग फंस गए हैं। कोर्ट के आदेश पर अमरोहा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।


मोहल्ला कोट निवासी शिक्षिका वर्षा गुप्ता की तैनाती जोया ब्लॉक के गांव पप्सरा के प्राथमिक विद्यालय में है। 2016 में गर्भपात होने की बात बताकर उन्होंने चार जुलाई से 14 अगस्त तक अवकाश लिया था। इस अवधि में बिना कार्य किए उनका 42 दिन का वेतन स्वीकृत हुआ था।

मामले में अधिवक्ता व आरटीआई एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मनु शर्मा ने तत्कालीन बीईओ जोया से आरटीआई के तहत एक सूचना मांगी थी।

जांच में खुलासा हुआ था कि शिक्षिका वर्षा को गर्भपात हुआ ही नहीं था। उनके द्वारा चिकित्सा संबंधी पर्चे व अन्य जांच रिपोर्ट को भी विभाग में दाखिल नहीं कराया गया था। इसके बावजूद तत्कालीन बीएसए व अन्य विभागीय कर्मियों ने 42 दिन के वेतन स्वीकृत करने की संस्तुति कर दी थी। सीडीओ की जांच में पटल सहायक गर्भपात की मूल पत्रावली दिखा नहीं सके थे। इसी के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।

कोर्ट ने डीएम से मांगी थी जांच आख्या

मुन शर्मा ने थाने पर शिकायत की। साथ ही एसपी को भी शिकायती पत्र दिए। कार्रवाई न होने पर मनु शर्मा एडवोकेट ने अदालत की शरण ली थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस मामले में डीएम से जांच आख्या मांगी थी। जांच आख्या भी इनके खिलाफ आई थी। इसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश अमरोहा पुलिस को दिए थे। प्रभारी निरीक्षक पंकज तोमर ने बताया कि अदालत के आदेश पर तत्कालीन व मौजूदा बीएसए के अलावा शिक्षिका समेत कुल सात कर्मियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच उपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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