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पीसीएस-जे 2022 की जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश, मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने, मूल्यांकन में अनियमितता और मेरिट सूची में गड़बड़ी के आरोप थे

इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को यूपी पीसीएस जे 2022 मुख्य परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़, मूल्यांकन में अनियमितता और मेरिट सूची में गड़बड़ी के आरोपों की जांच रिपोर्ट पेश कर दी गई।


न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एवं न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ के समक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली न्यायिक जांच समिति की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे और सूटकेस में प्रस्तुत किया गया। उसके बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता के आग्रह पर खंडपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तारीख निर्धारित की।

याची श्रवण पांडेय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फारमान अहमद नक़वी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद और अंकुर आजाद उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि यूपी पीसीएस जे मेंस के अभ्यर्थी रहे श्रवण पांडेय की ओर से यह याचिका मेंस की अंग्रेजी की कॉपी से छेड़छाड़ किए जाने को लेकर दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर लोक सेवा आयोग ने मामले की जांच कराई तो मेंस की कॉपियों के दो बंडल (लगभग 50 परीक्षार्थियों की कॉपी) के बदलने का मामला सामने आया। जिसके बाद आयोग ने पीसीएस जे मेंस में शामिल सभी अभ्यर्थियों को उनकी कॉपियां दिखाई और फिर मेंस का परिणाम संशोधित कर सफल हुए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू करवाकर अंतिम परिणाम को भी संशोधित किया था। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़, मूल्यांकन में अनियमितता के साथ ही मेरिट सूची में गड़बड़ी का भी मामला सामने आया था। हाईकोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई करते हुए दिसंबर 2024 में रिटायर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर को उत्तर पुस्तिकाओं की छेड़छाड़ और मूल्यांकन प्रक्रिया की खामियों की जांच का जिम्मा सौंपा था।

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