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रद्द हो सकता है 50 से अधिक स्कूलों के विलय का आदेश

गोरखपुरः देवरिया के बाद जनपद में 50 से अधिक स्कूलों के विलय का आदेश रद्द हो सकता है। अब तक यहां विलय हो चुके 191 स्कूलों में से एक दर्जन से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिनमें पढ़ने वाले बच्चों की दूरी विलय के बाद बढ़ गई वहीं, तीन दर्जन की से अधिक स्कूलों में छात्रों संख्या 50 से अधिक पहुंच चुकी है। शिक्षक संगठनों ने इसको लेकर विरोध शुरू कर दिया है। में त्वरित कार्यवाही करते हुए इसे साथ ही बीएसए से इस मामले विलय का आदेश रद्द करने की मांग की है।


जनपद में अब चिह्नित कुल 504 विद्यालयों में से 191 की पेयरिंग (मर्जर) की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इनमें से पिपरौली ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय खरैला के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरौली में मर्जर आदेश हो चुका हैं। जिससे खरैला के बच्चों को ढ़ाई किमी दूरी तय कर पढ़ने जाना पड़ेगा।

इसी तरह पाली ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय मोहनाग का प्राथमिक विद्यालय तिवरान में मर्जर होने से मोहनाग के बच्चों को तीन किमी, कैंपियरगंज के प्राथमिक विद्यालय भौरिहवां का प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर में मर्जर होने से भौरिहवां के बच्चों को टो किमी भन्दर ब्लाक के प्राथमिक

विद्यालय आबादी सखनी का प्रावि चिउटहां में मर्जर होने से सखनी के बच्चों को दो किमी तथा बड़हलगंज ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय कोलखास का पूर्व माध्यमिक विद्यालय पौहरिया में मर्जर हो जाने से कोलखास के बच्चों को ढ़ाई किमी दूर पढ़ने जाना पड़ेगा। जो छात्रों के लिए आसान नहीं है।

देवरिया की तरह ही जिले में भी विलय हो चुके कई स्कूलों को लेकर विसंगतियां छात्र संख्या 50 से अधिक होने के बाद भी जहां कई स्कूलों का विलय हैं। के बाद कुछ स्कूलों की दो से तीन किमी दूरी बढ़ गई है। जो छात्र हित में नहीं है। इतनी अधिक दूरी तय कर दिया गया है वहीं, विलय कर पढ़ने जाने में बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बीएसए से इन विसंगतियों को सुधार कर इनका विलय रद्द करने की मांग की गई है। उन्होंने परीक्षण कर इस पर उचित निर्णय लेने को लेकर आश्वस्त किया है। राजेश धर दुवे, जिलाध्यक्ष उम्र प्राथमिक शिक्षक संघ।

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