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सीएमओ-डीएम के बाद यूपी में अब सीटीओ-शिक्षक की तकरार, शासन तक पहुंचा

यूपी के कानपुर में सीएमओ-डीएम विवाद के बाद अब आगरा में मुख्य कोषाधिकारी (सीटीओ)-शिक्षक की तकरार सामने आ रही है। मामला, शासन तक पहुंच गया है। सीटीओ के पक्ष में प्रदेश का वित्त एवं लेखा सेवा संघ उतर आया है। संघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव वित्त एवं बेसिक शिक्षा को ज्ञापन सौंपकर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं शिक्षक के समर्थन में कुछ संगठन सीटीओ के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं।

लखनऊ में वित्त एवं लेखा संघ की ओर से कहा गया कि जब शिक्षक पर अभद्रता करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज है, तो पुलिस उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं कर रही। आगरा के बीएसए द्वारा यूटा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत शर्मा के संगठन को बेसिक शिक्षा परिषद से अमान्य घोषित किया जा चुका है, फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्व में भी कुछ जिलों में ट्रेजरी कर्मचारियों को एंटी करप्शन की कार्रवाई में फंसाने का षड्यंत्र हुआ था।

वित्त एवं लेखा संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अब आगरा की सीटीओ के खिलाफ भी ऐसा ही प्रयास किया जा रहा है। सत्ता पक्ष के नेताओं से पुलिस पर दबाव बनाया जा रहा है। सीटीओ ने शिक्षक के खिलाफ पुलिस को सारे साक्ष्य सौंप दिए हैं, फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शिक्षक पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उधर, शिक्षक कृष्णकांत शर्मा के समर्थन में उतरे संगठनों ने सीटीओ पर भ्रष्टाचार में जांच की मांग की है।

अपर मुख्य सचिव वित्त ने डीएम को दिए जांच के निर्देश

अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार ने उत्तर प्रदेश वित्त एवं लेखा सेवा संघ के अध्यक्ष निशांत उपाध्याय द्वारा दिए गए पत्र का हवाला देते हुए डीएम को निर्देश दिए हैं कि यूटा अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा द्वारा मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान से अभद्रता किए जाने की जांच किसी प्रशासनिक अधिकारी से कराएं। उन्होंने इस कार्रवाई की रिपोर्ट 21 जुलाई तक उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं

यूटा की ओर से सीटीओ पर पेंशनरों से रिश्वत मांगने और अभद्रता के आरोप लगाए गए हैं। पेंशनर राजपाल ने काम के बदले रिश्वत मांगने की शिकायत की। जवाब में सीटीओ ने इसे बेबुनियाद बताते हुए कहा कि 24 जून को वे सुबह 11:03 बजे कार्यालय पहुंचीं और शाम 5:30 बजे तक मौजूद रहीं। राजपाल न तो अकेले मिला और न ही किसी बातचीत का मौका हुआ। सीसीटीवी फुटेज, आडियो और अन्य साक्ष्य गुरुवार को पुलिस को सौंपे गए हैं। यूटा का पंजीकरण निरस्त करने की संस्तुति भी की गई है।

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