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आरटीई मानक के अनुसार तबादले, अभी और होगा समायोजन

लखनऊ। शिक्षकों के तबादलों के बाद जॉइन कराने में आ रही दिक्कत व स्कूलों के विलय को लेकर चल रहे विरोध के बाद सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत शिक्षकों का समायोजन प्रभावी तरीके से किया गया है।

कोई भी विद्यालय एकल न रहे इसके लिए नियमित शिक्षकों की तैनाती की गई है। साथ ही शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को भी सहायक कार्यों में लगाया गया है। सरकार की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि समायोजन के दो चरण पूरे हो चुके हैं। अब जिलास्तरीय समिति की बारी है। पहले चरण में 16646 शिक्षकों को तबादले का लाभ मिला। दूसरे चरण ने 543 शिक्षकों का आकांक्षात्मक जिलों में समायोजन किया गया। तीसरे में जिले के अंदर 20182 शिक्षकों को सामान्य तबादलों का लाभ दिया गया है। अब बचे सरप्लस शिक्षकों का समायोजन डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित कर छात्र- शिक्षक अनुपात के अनुरूप किया जाएगा।

विद्यालय विलय और बाल वाटिका की पहल

महानिदेशक स्कूल शिक्षा शिक्षा कंचन वर्मा के अनुसार कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को पेयरिंग मॉडल से जोड़ा गया है। इनमें बाल वाटिका चलाई जा रही है और यू-डायस कोड यथावत रखा गया है। जहां छात्र संख्या कम है और शिक्षक अतिरिक्त (सरप्लस) हैं। वहां से शिक्षक कम संख्या वाले विद्यालयों में भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि है जिन विद्यालयों में छात्रों की संख्या 100 से कम है और प्रधानाध्यापक को सरप्लस घोषित किया गया है। वहां प्रधानाध्यापक के हटने के बाद केवल शिक्षामित्र रह जाते। ऐसे में स्पष्ट किया गया है कि प्रधानाध्यापक को तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक उस विद्यालय में सहायक अध्यापक की तैनाती नहीं हो जाती। या विद्यालय की किसी अन्य विद्यालय के साथ पेयरिंग नहीं की जाती है।

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