लखनऊ,। आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर विश्वविद्यालय से जुड़े दो पुराने कानून यूपी सरकार खत्म करने जा रही है। इसके अलावा 72 साल पुराने विभिन्न विश्वविद्यालयों से जुड़े कानून भी खत्म होंगे। पुराने व अनुपयोगी हो चुके 35 कानूनों को खत्म कर देगी।
यूपी सरकार ने विधानसभा में सोमवार को निरसन विधेयक- 2025 पेश कर दिया है। इससे संबंधित विधेयक जल्द सदन से पास कराया जाएगा। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में जौहर विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम-2007 लाया गया था। इसके बाद अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते 2016 में जौहर विवि संशोधन अधिनियम लाया गया। प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन कर दिया है। इसलिए 1982 का उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग संशोधन को भी खत्म किया जाएगा। इसके बाद विभिन्न वर्षों में इससे जुड़े 15 अधिनियम एक्ट समाप्त हो जाएंगे। मंत्रियों के वेतन भत्ते से जुड़ा उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध संशोधन अधिनियम भी अब बीते वक्त की बात होगी। उत्तर प्रदेश ब्रज नियोजन विकास बोर्ड संशोधन अधिनियम-2017 व एमिटी विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम भी खत्म किए जा रहे हैं।
1952 का एक्ट भी खत्म होगा
73 साल पुराना आगरा विश्वविद्यालय अनुपूरक अधिनियम-1952 समाप्त करने वाले कानूनों में सबसे ऊपर है। इसी तरह इलाहाबाद विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय से जुड़े अनुपयोगी एक्ट खत्म हो जाएंगे। वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम-1958 का है। इसकी उपयोगिता भी अब नहीं बची। इस दायरे में उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय उपकुलपतियों की नियुक्ति संशोधन तथा वैधीकरण एक्ट भी खत्म होंगे।


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